शिक्षा मंत्री ने समस्याओं को शीघ्र निस्तारण के आस्वासन पर संस्कृत शिक्षकों का आंदोलन दो माह के लिए स्थगित किया

 

 

आज प्रादेशिक संस्कृत विद्यालय-महाविद्यालय शिक्षक संघ-उत्तराखण्ड के पदाधिकारियों की संस्कृत शिक्षा मंत्री श्रीमान अरविंद पांडे जी से वार्ता हुई वार्ता में संघ द्वारा दिये गए अल्टीमेटम के सभी बिंदुओं पर काफी सकारात्मक वार्ता हुई जो निम्न है-

 

1:-कई दशकों से चल रही मांग संस्कृत शिक्षा में माध्यमिक और उच्च शिक्षा को अलग-अलग संचालित करने सम्बन्धी आदेश जारी हो गए है अब शीघ्र शीघ्र संस्कृत विश्वविद्यालय महाविद्यालयों से सम्बंधित आदेश जारी करेंगे। प्रदेश में अब अलग अलग संचालित होंगे संस्कृत विद्यालय और महाविद्यालय बहुत बड़ा निर्णय-

 

2:–संस्कृत शिक्षा निदेशालय एवं परिषद आदि में माध्यमिक शिक्षा के ऊंची पहुंच लगाकर प्रतिनियुक्ति पर आए शिक्षको को वापस उनके मूल पदों पर भेजने का निर्णय हुआ है जिसकी लगातार मांग की जा रही थी।

3-संस्कृत शिक्षा विनियम जो वर्ष 2014 से शासन स्तर में लंबित था वह भी शीघ्र कैबिनेट में आकर प्रख्यापित होगा।

4-संस्कृत विद्यालय-महाविद्यालयो में वर्षों से प्रबन्धकीय व्यवस्था के तहत कार्य कर रहे शिक्षकों के माननीय बृद्धि पर भी वित्तीय स्वीकृति मिल गयी है अब 15 को होने वाली कैबिनेट की मुहर लगने के बाद शीघ्र शासनादेश निर्गत होगा फलस्वरूप इन शिक्षकों को 20,25, और 30 हजार तक मानदेय मिलेगा।

5-अन्य मुद्दों पर भी बनी सहमति।

इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष डॉ राम भूषण बिजल्वाण ने कहा कि वार्ता बहुत ही सकारात्मक रही और महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सहमति बनी है हम सरकार का और माननीय मंत्री जी का धन्यबाद करते है
बाकी जिन बिंदुओं पर अभी आदेश जारी नही हुए है उनके लिए दो माह का समय सरकार को देते हैं विश्वास है शीघ्र संस्कृत हित में यह सरकार अच्छे कदम उठाएगी।

खेद का विषय यह है कि जिस प्रकार से मंशा के साथ संस्कृत को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया गया था उस दिशा में एक दशक बीतने के बाद भी संस्कृत हित कोई कार्य नही हुए थे लेकिन अब कुछ उम्मीद जगी है हम लोग दो माह और प्रतीक्षा करते हुए आज से शुरू होने वाले आंदोलन को अग्रिम दो माह के लिए स्थगित करते हैं बाकी संस्कृत के हितों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रहेगा। संस्कृत विद्यालय महाविद्यालय शिक्षक संघ ने एक स्वर में संस्कृत शिक्षा के सभी अधिकारियों का धन्यवाद किया साथ ही सभी संस्कृत हित अच्छे कार्यों को शीघ्र निस्तारण करनी की उम्मीद की।

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