हिमालय से हिंद महासागर तक साइकिल से पहुंचा पहाड़ पुत्र, 46 दिनों में 4033 K.M. की यात्रा कर रचा इतिहास
सोमेश पंवार ने कन्याकुमारी में लहराई बद्रीनाथ की ध्वजा। 4033 किमी का साइकिल यात्रा पूरी की। माणा से कन्याकुमारी तक का सफर तय किया। पर्यावरण बचाने व राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया।
मन में जुनून तो कोई भी लक्ष्य हासिल करना मुश्किल नहीं। पहाड़ के एक युवा ने भी हिमालय से हिंद महासागर तट की यात्रा साइकिल से करके ऐसा ही कमाल कर दिखाया । बद्रीनाथ धाम के पास बामणी गांव निवासी सोमेश पंवार ने साइकिल (Cycle Journey) से पूरे भारत की यात्रा कर डाली। सोमेश तिब्बत सीमा से सटे भारत के अंतिम गांव माणा से चला और 46 दिनों में 10 राज्यों में होते हुए कन्याकुमारी (Badrinath to Kanyakumari) तक 4033 किलोमीटर की दूरी तय कर इतिहास रचा। सोमेश (Soemsh Panwar) की इस यात्रा का मकसद राष्ट्रीय एकता की भावना को जगाना औऱ पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरुक करना रहा।
कन्याकुमारी मंदिर में चढ़ाई बद्रीनाथ की ध्वजा
26 वर्षीय सोमेश पंवार ने 46 दिन पहले 1 नवंबर को माणा गांव से अपनी यात्रा अकेले ही शुरू की थी। भगवान बद्रीनाथ का आशीर्वाद लेने के बाद सोमेश राष्ट्रीय एकता, फिटनेस, पर्यावरण संरक्षण व युवाओं को साइकिलिंग की प्रति जागरुक करने के मकसद से भारत की यात्रा पर निकल पड़े। करीब डेढ़ महीने तक 10 अलग अलग राज्यों से गुजरते हुए साइकिल पर सवार सोमेश 16 दिसंबर को कन्याकुमारी पहुंचे। यहां कन्याकुमारी मंदिर में भगवान बद्रीनाथ का ध्वज फहराकर सोमेश ने अपनी यात्रा पूरी की। यात्रा पूरी करने का मनाया जश्न
सोमेश को इस रोमांचक यात्रा में पहाड़ी रास्तों, रेगिस्तानों, औऱ मुश्किल हालातों से गुजरना पड़ा। कई बार तो हाईवे पर मीलों तक सोमेश को पानी तक नसीब नहीं हुआ। लेकिन समोश ने हौसला बनाए रखा और अपनी यात्रा पूरी की।
इस दौरान जहां भी वे रुकते , लोगों को पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता का संदेश देते रहे। सोमेश की सफलता पर न केवल उत्तराकंड बल्कि पूरा देश गौरवान्वित है। उन्होंने सोशल मीडिया पर बधाई के हजारों संदेश मिल रहे हैं।
यात्रा पूरी करने पर सोमेश ने अपने माता पिता, भगवान बद्रीनाथ, कुबेर भगवान तथा समस्त उत्तराखंड और देशवासियों का धन्यवाद व्यक्त किया। इस पूरी यात्रा में उन्होंने विभिन्न राज्यों और उनकी संस्कृति को करीब से जानने का मौका मिला। सोमेश की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य ग्रीन हिमालय क्लीन हिमालय, पॉल्यूशन फ्री इंडिया के साथ कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर भारत के नागरिकों को जागरूक करना था।
माणा से अपनी यात्रा शुरू करते सोमोश
पहाड़ जैसे हौसलों वाले सोमेश को उत्तराखंड रैबार का सलाम औऱ ऐतिहासिक यात्रा के लिए बहुत बहुत बधाई।