हरियाणा में नायब सिंह सैनी होंगे नए मुख्यमंत्री, शाम 5 बजे लेंगे शपथ……
देहरादून: नायब सैनी ओबीसी समुदाय से आते हैं। बीजेपी ने पिछले साल ही उन्हें हरियाणा का अध्यक्ष बनाया था। वो मुख्यमंत्री में विश्वासपात्र है। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इस्तीफा दे दिया ऐसे में नायब सैनी हरियाणा के अगले मुखिया बनने जा रहे हैं।
कुरुक्षेत्र से सांसद नायब सैनी हरियाणा के नए मुख्यमंत्री होंगे। विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लग गई है। मीटिंग के बाद नायब सैनी को विधायक दल का नेता चुना गया और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने फूल देकर उन्हें बधाई दी। नायब सैनी आज शाम 5 बजे मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे। वहीं विधायक दल की मीटिंग से पूर्व गृहमंत्री अनिल विज नाराज हो कर निकल गए। उन्हें नायब सैनी के नाम पर एतराज था। विज छह बार के विधायक हैं, लेकिन उन्हें सीएम नहीं बनाया गयाकौन हैं नायब सैनी
नायब सिंह सैनी अंबाला के मिर्जापुर माजरा के रहने वाले हैं। 2019 में दिए गए चुनावी हलफनामे के अनुसार नायब सिंह सैनी पास कुल संपत्ति 33 लाख है, जबकि उनकी पत्नी के पास 11 लाख रुपये की चल संपत्ति है। दंपत्ति के पास कुल 2 लाख 85 हजार रुपये कैश भी है। एफिडेविट में उन्होंने बताया कि परिवार में उनकी मां कुलबंत कौर, बेटी वंशिका और बेटा अनिकेत सैनी भी हैं। उनकी मां के अकाउंट में पांच साल पहले 71 हजार रुपये थे, जबकि बेटी वंशिका के पास दो लाख 93 हजार और बेटे के पास तीन लाख 29 हजार रुपये थे। उनकी पत्नी के सेविंग अकाउंट में चार लाख 70 हजार रुपये थे। खुद नायब सिंह के बैंक अकाउंट में पौने दो लाख रुपये थे। प्रदेश अध्यक्ष तक का सफर।
वो साल 2002 में युवा मोर्चा बीजेपी अंबाला से जिला महामंत्री बने रहे। इसके बाद साल 2005 में युवा मोर्चा भाजपा अंबाला में जिला अध्यक्ष पर बने रहे। नायब सिंह सैनी ने साल 2009 में किसान मोर्चा भाजपा हरियाणा के प्रदेश महामंत्री रहे। साल 2012 में बीजेपी अंबाला से जिला अध्यक्ष रहे। साल 2014 में वो नारायणगढ़ विधानसभा से विधायक बने। इसके बाद साल 2016 में वो हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री रहे। वहीं, वो साल 2019 में कुरुक्षेत्र से सांसद चुने गए।
इसके बाद आज उन्हें केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी है।सीएम खट्टर के खासनायब सैनी को सीएम मनोहर लाल खट्टर का सबसे करीबी माना जाता है। संघ के दिनों से दोनों एक दूसरे को जानते हैं। माना जाता है कि सीएम ने ही उन्हें कुरुक्षेत्र से टिकट दिए जाने की पैरवी की थी। इसमें नायब सैनी खरे भी उतरे थे। उन्होंने चुनाव जीत कर सीएम के भरोसे को कायम रखा।