रैंणी से पांच किमी दूरी पर झील बनने की सूचना से अधिकारीयो हड़कंप।
उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित तपोवन व रैणी गांव में आई त्रासदी में राहत व बचाव का कार्य शुक्रवार काे भी जारी है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि तपोवन के पास रैणी गांव के ऊपर पानी जमा हुआ। रैंणी से पांच किमी दूरी पर झील बनने की प्रारंभिक सूचना मिलने के बाद से प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है।
भविष्य में किसी भी प्रकार के हादसे को देखते हुए एसडीआरएफ की 8 टीम को क्षेत्र लिए रवाना किया गया है ताकि वहां कि वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सके। झील का पता लगाने के लिए एसडीआरएफ टीम का नेतृत्व कमांडेंट नवनीत भुल्लर कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि झील के बारे में शाम तक स्थिति साफ हो सकती है। बता दें कि नवनीत भुल्लर एवरेस्ट पर जा चुके हैं ।
उल्लेखनीय है कि वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान ने रैंणी गांव के ऊपर ऋषिगंगा के जलागम क्षेत्र रोंगथी में एक विशाल झील बनने का खुलासा किया है। संस्थान ने झील बनने की जानकारी राज्य सरकार और चमोली जिला प्रशासन को दे दी है। संस्थान के निदेशक के मुताबिक झील से पानी की निकासी भी नहीं हो रही है, जो खतरनाक हो सकता है। वाडिया संस्थान के निदेशक डॉ. कलाचंद सांई ने बताया कि रैणी, तपोवन इलाके में आपदा के कारणों का वैज्ञानिक विश्लेषण करने गई उनकी टीम ने झील बनने की जानकारी दी है।
बताया जा रहा है कि इस झील का आकार काफी बड़ा है। टूटने की स्थिति में झील खतरनाक हो सकती है।हवाई सर्वे के दौरान नजर आई झील : डॉ. सांई ने बताया कि कुछ स्थानीय लोगों द्वारा झील बनने की जानकारी देने के बाद वाडिया की टीम ने ऋषिगंगा कैचमेंट का दुबारा हवाई सर्वे किया। सर्वे के दौरान रोंगथी ग्लेशियर क्षेत्र में यह झील देखी गई