ज्ञान के लिए विद्यार्थी का पुस्तक उन्मुख होना अनिवार्य है: प्रो. सुनील बत्रा…….
हरिद्वार: एस.एम.जे.एन.(पी.जी.) कॉलेज जिला हरिद्वार की राष्ट्रीय सेवा योजना की छात्रा इकाई द्वारा आयोजित विशेष सात दिवसीय शिविर का समापन कार्यक्रम सकुशल संपन्न हुआ।
विशेष शिविर का आयोजन शिविर स्थल- बस्तीराम संस्कृत विद्यालय, कनखल में आयोजित किया गया। शिविर के समापन कार्यक्रम का आरंभ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सुषमा नयाल द्वारा सात दिवसीय प्रगति आख्या को पढ़कर सुनाया गया। जिसमें छात्राओं द्वारा सात दिवस तक की गई मेहंदी, पोस्टर, वाद-विवाद, रंगोली, प्रश्नोत्तरी, भाषण एवं अन्य प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने वाली विजेता व उपविजेता के नामों का खुलासा किया गया।
शिविर में कॉलेज प्राचार्य मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉ सुनील कुमार बत्रा द्वारा स्वयं सेविकाओं की प्रतिक्रियायें ली गई एवं शिक्षण संस्थानों में चलाए जा रहे शिविरों को और भी क्रियाशील बनाने सम्बन्धी विचारों को भी साझा किया गया, अपने उद्बोधन में प्रोफेसर बत्रा ने कहा कि आने वाला दौर संचार क्रांति एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता का है, कृत्रिम बुद्धिमत्ता युवाओं के जीवन का अभिन्न हिस्सा होगी, किंतु युवा विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा व ज्ञान की आवश्यकता है कृत्रिम बुद्धिमत्ता से भी अधिक है, ज्ञान प्राप्ति के लिए विद्यार्थी को पुस्तकों एवम पुस्तकालय उन्मुख होना पड़ेगा ना की मोबाइल तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता उन्मुख।
प्रोफेसर बत्रा ने यह भी कहा कि मोबाइल का संतुलित प्रयोग किया जाए तो इसकी दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है, विशेष अतिथि के रूप में रुड़की एस.एस.डी.पी.सी. कॉलेज से आमंत्रित डॉक्टर कामना जैन एसोसिएट प्रोफेसर राजनीति विज्ञान द्वारा स्वयं सेविकाओं का मनोबल बढ़ाते हुए उन्हें राष्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्य एवं लाभों पर विस्तार से जानकारी दी गई, डॉ. कामना जैन ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना युवाओं को समाज से जोड़ने का काम करता है, क्योंकि राष्ट्रीय सेवा योजना के शिविर के माध्यम से ही स्वयंसेवी सामाजिक कार्य करने में सक्षम हो पाते हैं।
समापन दिवस पर स्वयंसेवकों द्वारा कविता पाठ करते हुए अपने अनुभव को भी प्रस्तुत किया गया। समापन कार्यक्रम में बस्तीराम संस्कृत विद्यालय की संचालिका श्रीमती हेमा देवी, मनीषा गडतोड़ी, अंजू, विजय लक्ष्मी, कविता आदि उपस्थित रहे।
महाविद्यालय की शिक्षकाओं मे डॉ. सरोज शर्मा, डॉ. पूर्णिया सुंदरियाल, डॉ. लता शर्मा, डॉ. मीनाक्षी, डॉ. पल्लवी, डॉ. वंदना सिंह, कु. योगेश्वरी आदि ने सक्रिय भूमिका निभाई एवं स्वयंसेवकाओं में वैष्णवी कौशिक, पायल मौर्य, तनु पाल, हर्षिता, दीक्षा, अंजलि, कंचन कोतवाल, कीर्ति, पलक,, मानसी शिवानी, ममता अंजलि आदि उपस्थित रहे।