गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे संजय राउत, कहा- राकेश टिकैत की आंखों में आंसू देख नहीं रह सका
गाजीपुर बॉर्डर: दिल्ली की सीमाओं पर किसान संगठनों का आंदोलन जारी है। गाजीपुर बार्डर पर में इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा नारा है ‘कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं’। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन आसपास के समय में खत्म नहीं होने वाला, यह आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा। हमने सरकार को बता दिया कि ये आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा। अक्टूबर के बाद आगे की तारीख देंगे। बातचीत भी चलती रहेगी। नौजवानों को बहकाया गया, उनको लाल किले का रास्ता बताया गया कि पंजाब की कौम बदनाम हो। किसान कौम को बदनाम करने की कोशिश की गई।
कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन जारी है, ऐसे में गणतंत्र दिवस के बाद से बॉर्डर पर राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का आना बदस्तूर जारी है. इसी क्रम में मंगलवार को शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत किसानों के समर्थन में गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे. राउत ने भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत से मुलाकात कर अपना और अपनी पार्टी का समर्थन दिया.
इस दौरान शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा, ”मुझे उद्धव ठाकरे जी ने खास तौर पर भेजा है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री किसानों के समर्थन में हैं. 26 जनवरी के बाद हमने जो माहौल देखा और जिस तरह राकेश टिकैत जी के आंखों में आंसू देखे, उसके बाद हम कैसे रह सकते थे?” राउत ने कहा, ”बॉर्डर पर हाल ही में जो कुछ भी हुआ है उससे पूरा देश बीजेपी से नाराज है, वहीं राकेश टिकैत जो तय करेंगे वही हमारी आगे की रणनीति होगी.”
जब संजय राउत से पूछा गया कि आखिर दो महीने बाद क्यों बॉर्डर आए, तो इस सवाल के जवाब में राउत ने कहा, अब आंदोलन को ताकत देने की जरूरत है. क्या शिवसेना बीजेपी से नाराज है, जिस तरह वो किसानों के साथ कर रही है? इस सवाल के जवाब में राउत ने कहा, हम किसानों के साथ हैं, राजनीति मत करिए. सरकार और किसान संगठनों की 11 दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है.
दूसरी ओर गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद से किसान संगठन जिस तरह दवाब में महसूस कर रहे थे, वहीं राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का समर्थन मिलने के बाद से इस आंदोलन को फिर से मजबूती के साथ आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है.