उत्तराखंड में SIT खंगालेगी गैंगस्टर मित्तल की कुंडली, निवेशकों के 45 करोड़ रुपये हड़पकर हुआ है फरार……..
देहरादून: निवेशकों से 45 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में पुष्पांजलि बिल्डर के निदेशक दीपक मित्तल के खिलाफ एसआईटी जांच के आदेश जारी किए गए हैं। आईजी गढ़वाल परिक्षेत्र दीपक स्वरूप ने यह कदम उठाया क्योंकि उन्हें सूचना मिली थी कि मित्तल फरार होने के बावजूद देहरादून आया था। मित्तल के खिलाफ नौ मुकदमे दर्ज हैं और उस पर गैंगस्टर एक्ट भी लगा है।
फ्लैट बेचने के नाम पर निवेशकों के 45 करोड़ रुपये लेकर फरार हुए गैंगस्टर दीपक मित्तल के मामले में पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र दीपक स्वरूप ने विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित करने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, आइजी को मित्तल के बारे में कई सूचना मिली है, जिसमें एक यह भी है कि फरार व इनामी होने के बावजूद वह कुछ माह पहले दून घुमकर गया था। आइजी ने बताया कि मामले में बनाई जा रही एसआइटी में उन विवेचकों को भी शामिल किया जाएगा, जो मित्तल के विरुद्ध दर्ज नौ मुकदमों में जांच कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त गढ़वाल रेंज कार्यालय में तैनात निरीक्षक व उपनिरीक्षक भी एसआइटी का हिस्सा रहेंगे। आइजी ने इस मामले में पीड़ितों से संपर्क किया है।
पुष्पांजलि इंफ्राटेक की देहरादून स्थित आर्किड पार्क परियोजना में 90 फ्लैट खरीदारों के 45 करोड़ रुपये हड़पकर फरार 50 हजार रुपये के इनामी बिल्डर दीपक मित्तल के विरुद्ध नौ मुकदमे दर्ज हैं। इसके साथ ही दीपक मित्तल व उसकी पत्नी के विरुद्ध गैंगस्टर भी लगी हुई है, जिसमें अलग-अलग विवेचक हैं।
केसों की प्रगति क्या है और विवेचना में कहां कमी रही गई, इसकी जांच के लिए एसआइटी गठित करने का निर्णय लिया गया है। यह बात भी सामने आई है कि फरार होने से पहले दीपक मित्तल ने अपनी संपत्ति कुछ रिश्तेदारों को बेची है, उसकी भी जांच करवाई जाएगी।
गुरुवार को आइजी कार्यालय की ओर से कुछ पीड़ित (निवेशक) से भी संपर्क कर उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है। केस में कुछ पूर्व अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आ रही है, इस संबंध में भी जांच की जा रही है।