उत्तराखंड में हल्द्वानी के मास्टरमाइंड मलिक की संपत्ति हो सकती है कुर्क, 5 हजार मोबाइल नंबरों की डिटेल खंगाल रही पुलिस……
हल्द्वानी: मास्टरमाइंड मलिक की संपत्ति हो सकती है कुर्क, गिरफ्तारी बनी चुनौती, फोन नहीं कर रहा इस्तेमालमलिक का बगीचा में नजूल भूमि पर कब्जा कर बनाए गए मदरसा और धार्मिक स्थल के ध्वस्तीकरण के दौरान सबसे ज्यादा विरोध अब्दुल मलिक ने ही किया था।उपद्रव का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक की गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। पुलिस टीमों ने दिल्ली और बरेली में डेरा डाल रखा है।
मोबाइल बंद होने के कारण पुलिस को उसकी लोकेशन नहीं मिल रही है। सर्विलांस टीम उसकी लोकेशन लगातार ट्रेस कर रही है।मलिक का बगीचा में नजूल भूमि पर कब्जा कर बनाए गए मदरसा और धार्मिक स्थल के ध्वस्तीकरण के दौरान सबसे ज्यादा विरोध अब्दुल मलिक ने ही किया था। जांच के लिए कुछ दिन पहले नगर निगम की एक टीम जब मौके पर पहुंची तो अब्दुल मलिक की अधिकारियों से बहस भी हुई थी।
पुलिस और अन्य सूत्र उसे मास्टरमाइंड मानकर चल रहे हैं। इनमें अब्दुल मलिक को भी नामजद किया गया है। वह फरार चल रहा है। दो दिन पहले अब्दुल मलिक की दिल्ली से गिरफ्तारी की चर्चा हल्द्वानी से देहरादून और दिल्ली तक हुई थी।हालांकि, रविवार को एसएसपी ने उसकी गिरफ्तारी की बात से इन्कार कर दिया था। एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
तो मलिक संपत्ति हो सकती है कुर्क
मलिक को नगर निगम की ओर से नुकसान की भरपाई के एवज में दिए गए 2.44 करोड़ के नोटिस का जवाब देने के लिए महज तीन दिन का समय दिया गया है। इधर पुलिस उसे तलाश रही है। यदि इस अवधि में वह नोटिस का जवाब नहीं दे पाया और नुकसान की भरपाई नहीं कर पाया तो उसकी संपत्ति कुर्क की जा सकती है।
बनभूलपुरा में पैरामिलिट्री फोर्स तैनात, पांच हजार मोबाइल नंबरों की डिटेल खंगाल रही पुलिस
हल्द्वानी में उपद्रव के बाद फोर्स की संख्या बढ़ाकर 1100 से 1700 कर दी गई है। अब तक जवान 16-16 घंटे ड्यूटी कर रहे थे। फोर्स आने के बाद अब जवानों को आठ-आठ घंटे ही ड्यूटी करनी होगी। बनभूलपुरा की सुरक्षा व्यवस्था अर्द्धसैनिक बल के हवाले कर दी गई है।
वहीं, पुलिस मोबाइल नेटवर्क ट्रेसिंग की मदद से हल्द्वानी में हिंसा फैलाने वालों को पकड़ रही है। करीब 5000 नंबरों की जांच की जा रही है। पकड़े गए उपद्रवियों और नामजद लोगों की कॉल डिटेल व व्हाट्सएप डिटेल खंगाली जा रही है।आठ फरवरी को उपद्रव के बाद नौ फरवरी को दो कंपनी आईटीबीपी को बनभूलपुरा में तैनात किया गया था। इसके बाद फोर्स की संख्या करीब 1100 हो गई थी। क्षेत्र में चलाए जाने वाले सर्च अभियान में पीएसी और आईटीबीपी के जवानों को तैनात किया गया है। साथ ही क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर उपद्रव को नियंत्रण में रखने के लिए ड्यूटी लगाई गई थी।
ऐसे में जवानों को पर्याप्त आराम की भी जरूरत थी। हालात को देखते हुए केंद्र से चार कंपनी अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की मांग की गई थी। रविवार की शाम तीन कंपनी आईटीबीपी और एसएसबी भी हल्द्वानी पहुंच गई।उधर, पुलिस एक तरफ उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है, दूसरी तरफ सीसीटीवी की फुटेज और मोबाइल वीडियो की रिकॉर्डिंग देखकर उपद्रवियों को चिह्नित कर रही है। हिंसा वाले दिन क्षेत्र में कितने और कौन-कौन से मोबाइल नंबर सक्रिय थे।
इसकी भी जांच की जा रही है। यहां तक कि उन नंबरों से कहां और किन राज्यों में फोन कॉल किए गए, इसका भी पता लगाया जा रहा है। इससे उपद्रव मामले से जुड़े कई साक्ष्य सामने आ सकते हैं।सूत्रों के मुताबिक कई लोग ऐसे हैं जिनकी लोकेशन उपद्रव के बाद बनभूलपुरा से बाहर की मिली है। पुलिस ने अब तक गिरफ्तार हुए 25 आरोपियों के मोबाइल रिकॉर्ड भी खंगालने शुरू कर दिए हैं। एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि तकनीक की मदद से जांच की जा रही है।