उत्तराखंड में विंटर टूरिज्म का आगाज, रविवार को 7000 पर्यटकों से देहरादून गुलजार; तीन जगह बनीं मोस्ट फेवरेट………
देहरादून: उत्तराखंड में तीन दिनों की छुट्टियों के कारण राजधानी देहरादून के सहस्रधारा गुच्चुपानी और लच्छीवाला जैसे पर्यटन स्थल पर्यटकों से गुलजार हो गए। लगभग सात हजार पर्यटकों ने जलस्रोतों में मस्ती की और स्थानीय व्यंजनों का आनंद लिया। इस दौरान उत्तराखंड में वींटर टूरिज्म का आगाज हो गया जिससे स्थानीय व्यापारियों के चेहरे खिल उठे।
कार्यालय और स्कूलों में एक साथ तीन दिन की छुट्टियां होने से दून घाटी के पर्यटन स्थल गुलजार हो गए और इसी के साथ देहरादून में शीतकालीन पर्यटन का आगाज हुआ।
रविवार को शहर के सहस्रधारा, गुच्चुपानी और लच्छीवाला पर्यटन स्थलों में करीब सात हजार पर्यटक पहुंचे और उन्होंने जलस्रोतों में अटखेलियां कर खूब मौज मस्ती की। हरे-भरे जंगल और जलस्रोतों के बीच मौजूद इन पर्यटन स्थलों में पर्यटकों की भीड़ ने चार चांद लगा दिया।
पर्यटकों ने स्थलों के समीप मौजूद स्ट्रीट फूड के भी खूब मजे लिए। सभी पर्यटन स्थलों में देर शाम तक पर्यटकों के आने-जाने का सिलसिला जारी रहा।
लच्छीवाला में पर्यटकों ने उठाया बाेटिंग का लुत्फ
मई-जून के दौरान भीषण गर्मी में देहरादून के पर्यटन स्थलों में रोज हजारों पर्यटक पहुंचते हैं। जुलाई में बारिश शुरू होने से इन पर्यटन स्थलों के जलस्रोतों का प्रवाह अधिक हो जाता है और यह वीरान हो जाते हैं। क्योंकि पानी अधिक होने से लोगों के बहने का खतरा बढ़ जाता है।
गर्मियों की छुट्टियां शुरू होते ही फिर से इनमें भीड़ लगना शुरू हो जाती है। लेकिन इस बार अप्रैल की शुरूआत में ही एक साथ 12, 13 और 14 अप्रैल को छुट्टी होने से इन पर्यटन स्थलों में भीड़ बढ़ गई।
रविवार को गुच्चपुानी में 3,500, सहस्रधारा में करीब दो हजार और लच्छीवाला 1,500 से अधिक पर्यटक पहुंचे। पर्यटकों ने ट्यूब की मदद से सभी पर्यटन स्थलों के जलस्रोतों में खूब नहाया और सेल्फियां ली। लच्छीवाला में पर्यटकों ने बाेटिंग का लुत्फ उठाया।
गानों की धुन पर थिरके पर्यटक
सहस्रधारा में जलस्रोत के किनारे संचालित खाने-पीने के स्टालों में चल रहे डीजे के गानों की धुन पर्यटक खूब थिरके। पर्यटकों ने एक-दूसरे पर पानी की बौछार डालकर जश्न मनाया। वहीं, कुछ पर्यटक अपने साथ खाने-पीने का सामान और चटाई लेकर आए। उन्होंने जंगलों के किनारे एकांत में बैठकर पिकनिक मनायी और खूब गप्पे लड़ाए।
व्यापारियों के खिले चेहरे
पर्यटन स्थलों में मौजूद ट्यूब, चेंजिंग रूम, खाने-पीने के स्टाल और होटल व्यापारियों के व्यापार में महीनों बाद इजाफा होने से उनके चेहरे खिल गए। अपने घर और प्लाट में वाहनों की पार्किंग कराने वाले लोगों ने भी अच्छी-खासी कमायी की। सड़क के किनारे अस्थायी रूप से खाने-पीने और खिलौने बेचने वाले कारोबारियों की भी खूब कमायी हुई।
सहस्रधारा में पर्यटन विभाग का नियंत्रण नहीं
सहस्रधारा में पर्यटन विभाग और स्थानीय ग्रामीण-व्यापारियों का विवाद समाप्त न होने का खामियाजा पर्यटकों को भुगतना पड़ रहा है। विभाग का नियंत्रण न होने से पर्यटक अपने वाहन जलस्रोतों के समीप तक ले जाते हैं। जिससे जलस्रोत वाली रोड पर दिनभर जाम लगता है और इसे खुलवाने वाला कोई नहीं होता। पर्यटक मनमाने ढंग से सड़क के किनारे वाहन पार्क करते हैं और इससे भी मार्ग जाम हो जाता है।
दरअसल, सहस्रधारा में शुरू से स्थानीय ग्रामीण और व्यापारी मनमानी पूर्वक पर्यटकों से प्रवेश शुल्क वसूलते रहे हैं। लेकिन पर्यटन विभाग ने सहस्रधारा में पर्यटकों की सुविधा के लिए निर्माण कार्य, प्रकाश और पार्किंग आदि की व्यवस्था करने के बाद साल 2024 में इसे अपने नियंत्रण में ले लिया।
विभाग ने पर्यटकों को सुविधाएं देने और वहां कर्मचारियों की नियुक्ति करने के लिए प्रवेश वसूलने की योजना बनायी। इसके लिए विभाग ने टेंडर प्रक्रिया की। एक ठेकेदार ने 53 लाख रुपये में साल 2028 तक के लिए सहस्रधारा का टेंडर लिया। लेकिन एक साल होने के बावजूद स्थानीय ग्रामीण ठेकेदार को पर्यटकों से वसूलने नहीं दे रहे हैं। जबकि प्रशासन और पर्यटन विभाग ने करीब चार बार स्थानीय ग्रामीण व व्यापारियों के साथ बैठक की। लेकिन अब तक इसका कोई हल नहीं निकला।
जिला पर्यटन विकास अधिकारी सीमा नौटियाल ने बताया कि हाल ही में सहस्रधारा के ग्रामीण-व्यापारियों के साथ प्रशासन के समक्ष बैठक हुई। प्रशासन के निर्देश पर पर्यटकों की सुविधा के लिए जल्द ही वहां कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी।