उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ धामी सरकार का अभियान जारी तीन साल में 200 से अधिक भ्रष्टाचारियों को भेजा सलाखों के पीछे…….
देहरादून: सतर्कता विभाग की टीम ने सोमवार को ऊधमसिंह नगर जिले के सितारगंज में मुख्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को ₹2000 की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया। आरोपी कर्मचारी कमलेश ने नंदा गोरा योजना के तहत में दी जाने वाली धनराशि के फार्म के साथ लगने वाला प्रमाणपत्र जारी करने के एवज में एक छात्रा से दो हजार रुपये के सुविधा शुल्क की मांग की थी। सतर्कता विभाग ने शिकायत मिलने पर आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर भ्रष्टाचार के खिलाफ उत्तराखण्ड सरकार का अभियान लगातार जारी है। सरकार के पिछले तीन साल के कार्यकाल पर नजर डालें तो लगभग 80 से अधिक लोगों को रिश्वतखोरी में रंगे हाथ गिरफ्तार किया जा चुका है और दर्जनों लोगों को हिरासत में लिया गया है। उत्तराखण्ड राज्य गठन के बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है जिनकी संख्या 200 के पार है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य का पदभार संभालते ही जीरो टालरेंस पर अपना रुख साफ कर दिया था। भ्रष्टाचार के मामलों में किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं गया, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्ति या बड़ा से बड़ा अधिकारी क्यों न हो। इसके लिए सतर्कता विभाग को विशेष रूप से सक्रिय करने के साथ ही विशेष टोल फ्री नम्बर 1064 भी जारी कर दिया गया। इस एप के माध्यम से आरोपियों की रंगेहाथ गिरफ्तारी में तेजी आई है।
भ्रष्टाचार के कुछ मामले एक नजर में-
लोनिवि का एई गिरफ्तार।
विजिलेंस की टीम को सूचना मिली कि नैनीताल जिले में लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता सरकारी ठेकेदार से बिल के भुगतान के लिए ₹10 हजार रिश्वत मांग रहा है। विजिलेंस ने उसे रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
बिजली विभाग का जेई गिरफ्तार।
देहरादून के हरबर्टपुर के सब स्टेशन के एक जेई को विजिलेंस ने ₹15000 की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। ट्रैप टीम को सूचना मिली थी कि जेई एक व्यक्ति के घर में बिजली का कनेक्शन लगाने के लिए ₹15000 रिश्वत मांग रहा है।
एलआईयू कर्मी गिरफ्तार।
नैनीताल जिले के रामनगर में विजिलेंस की टीम ने एलआईयू के उप निरीक्षक और मुख्य आरक्षी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
आरटीओ कर्मी की गिरफ्तारी।
विजिलेंस की टीम ने पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार स्थित आरटीओ कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक को ₹3 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
रोडवेज के एजीएम ने मांगी थी 90 हजार की रिश्वत।
काशीपुर में रोडवेज के सहायक महाप्रबंधक को विजिलेंस की टीम ने रोडवेज में अनुबंधित बसों का संचालन करवाने के एवज में 90 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। बताया गया है कि एजीएम शिकायतकर्ता से अनुबंधित बसों का संचालन करवाने के एवज में रुपए मांग रहे थे, नहीं देने पर उनकी बसों को कहीं भी, कभी भी खड़ा कर दिया जाता था।
बीईओ ने शिक्षक से मांगी थी ₹10 हजार की घूस।
हरिद्वार के खानपुर ब्लॉक में खंड शिक्षा अधिकारी को ₹10 हजार की घूस लेते गिरफ्तार किया गया। खंड शिक्षा अधिकारी पर आरोप था कि वह एक शिक्षक को क्लीन चिट देने के एवज में रिश्वत मांग रहा था।
जीएसटी सहायक आयुक्त 75 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार।
देहरादून में जीएसटी के असिस्टेंट कमिश्नर को विजिलेंस की टीम ने 75 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। बताया गया था कि असिस्टेंट कमिश्नर रेस्टोरेंट के बिलों में जीएसटी की कुछ कमियों को बताकर भारी जुर्माना वसूलने की बात कहकर रिश्वत मांग रहे थे।
जिला आबकारी अधिकारी गिरफ्तार।
रुद्रपुर में तैनात जिला आबकारी अधिकारी को एक शराब कारोबारी से 10 लाख रुपए के माल के एवज में 10 फीसदी रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।
कर्णप्रयाग में आबकारी इंस्पेक्टर गिरफ्तार।
चमोली जिले के कर्णप्रयाग में आबकारी इंस्पेक्टर को 30 हजार रुपये की रिश्वत के साथ पकड़ा गया। आरोप था कि आबकारी इंस्पेक्टर ने निकासी पास न होने का भय दिखाकर ठेकेदार से पैसे मांगे थे।
कानूनगो ने भूमि सीमांकन के लिए मांगी थी रिश्वत।
पौड़ी जिले में विजिलेंस ने जमीन के सीमांकन के नाम पर 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते कानूनगो को रंगेहाथ गिरफ्तार किया।
सीएम हेल्पलाइन का कर्मचारी गिरफ्तार।
सीएम हेल्पलाइन पोर्टल में कार्य करने वाला एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया। बताया गया कि हरिद्वार के एक व्यक्ति ने वेतन न मिलने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत हल करने के नाम पर उक्त कर्मचारी ने पीड़ित से पैसे मांगे थे। पुलिस से शिकायत होने पर उक्त कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया गया।