उत्तराखंड में बेटी अंकिता को न्याय दिलाने मे धामी सरकार की कोशिश लाई रंग, रखा था सख्त रुख, लिए थे ये फैसले…….

देहरादून: भले सरकार को लेकर विपक्षी लगातार आरोप लगाते रहें लेकिन धामी सरकार की कोशिशो और फैसलों के चलते आज बेटी अंकिता भंडारी को न्याय मिलने जा रहा है।

धामी सरकार ने सख्त रुख दिखाते हुए अंकिता की हत्या के बाद आरोपियों को 24 घंटे के अंदर जेल भेजा गया और अभी तक वह सलाखों के पीछे हैं। अंकिता भंडारी हत्या मामले में जांच के लिए किया गया SIT का गठन।

अंकिता हत्याकांड के आरोपियों पर गैंगस्टर अधिनियम के तहत भी हुआ केस दर्ज। धामी सरकार द्वारा अंकिता भंडारी के परिवार को दी गई ₹25 लाख की आर्थिक मदद।

अंकिता हत्याकांड मामले में 500 पन्नों की चार्ज शीट हुई तैयार 100 गवाहों के बयान भी किए गए शामिल। तीनों आरोपियों पर हुए आरोप तय, जल्द ही कोर्ट सुनाएगा सजा।

अंकिता के परिजनों की मांग पर 3 बार बदले गए सरकारी वकील। दिवंगत बेटी अंकिता के भाई और उसके पिता को दी गई सरकारी नौकरी।

VIP को लेकर कांग्रेस और आशुतोष नेगी जैसे ब्लैकमेलर ने कोर्ट में नहीं की कोई बात और बाहर राजनीतिक फायदे के लिए जनता को लगातार कर रहे हैं गुमराह।

कोर्ट में सरकारी वकील द्वारा की गई सख्त पैरवी की वजह से आरोपियों द्वारा दी गई जमानत अर्जी हर बार हुई खारिज।

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