उत्तराखंड में दो पूर्व मुख्यमंत्रियों का टिकट कटने के बाद क्या होगा राजनैतिक भविष्य, जानिए क्यों कटा दोनों का टिकट, क्या मिलेगी कोई जिम्मेदारी……
देहरादून: उत्तराखंड से दो पूर्व मुख्यमंत्री का टिकट लोकसभा में काट दिया गया है तीरथ सिंह रावत का टिकट काट कर बीजेपी ने अनिल बलूनी क़ो प्रत्याशी बनाया है वही हरिद्वार से पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का टिकट काट कर त्रिवेंद्र सिंह रावत क़ो हरिद्वार से प्रत्याशी बनाया है साफ है बीजेपी के इस फैसले से उत्तराखंड में ज्यादा लोग चौके नहीं थे क्यूंकि चर्चाएं आम थी कि इन दोनों घोषित प्रत्याशीयो क़ो इस बार पार्टी मौका देने जा रही है
साफ है अनिल बलूनी अमित शाह और पीएम मोदी के विश्वास पात्र है ऐसे में उनका पौड़ी से टिकट मिलना लगभग तय माना जा रहा था क्यूंकि उन्हें पार्टी ने राजयसभा में रिपीट भी नहीं किया था ऐसे में माना जा रहा था कि उन्हें उत्तराखंड के पौड़ी से टिकट मिलेगा उनकी टीम भी उसी तरह जुट भी गई थी वही तीरथ का पौड़ी से टिकट कटना तय था तो हरिद्वार से रमेश पोखरियाल निशंक जातीय समीकरण के चलते अपना टिकट नहीं बचा पाए साफ है पौड़ी ने अगर किसी ब्राह्मण नेता क़ो टिकट मिलने का मतलब था की हरिद्वार में किसी ठाकुर प्रत्याशी क़ो टिकट मिलना था
पहले तीरथ सिंह क़ो हरिद्वार शिफ्ट करने की बात थी लेकिन उसके बाद तत्रिवेंद्र सिंह रावत जों डोईवाला सीट से पहले विधायक भी रह चुके थे और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री है ऐसे में उनका नाम आया और टिकट फ़ाइनल हो गया माना जा रहा है कि अगर तीरथ और पोखरियाल क़ो टिकट पार्टी क़ो देना ही होता तो पहली लिस्ट जिसमे 3 मौजूदा सांसद क़ो टिकट रिपीट किया गया है उसी समय उनका नाम भी घोषित कर दिया जाता त्रिवेंद्र सिंह रावत जिन्हे सीएम पद से जब से हटाया गया उनके बाद से उन्हें कुछ ख़ास जिम्मेदारी पार्टी ने नहीं दी थी उनके समर्थको में कई बार उम्मीद बनी और टूट गई लेकिन अब उनका उनका लगभग 3 साल का राजनैतिक वनवास अब खत्म हो गया है।
अब क्यूंकि दोनों नेताओं के टिकट कट चुके है ऐसे में इन दोनों बड़े नेताओं का अब क्या राजनैतिक भविष्य होगा भविष्य के गर्भ में है या फिर ये अब पार्टी में संरक्षक की भूमिका निभाएंगे साफ है दोनों ही प्रदेश में बड़ा नाम है उम्मीद है रमेश पोखरियाल निशंक और तीरथ सिंह रावत दोनों क़ो पार्टी जल्द नई जिम्मेदारी सौपेगी।
महेंद्र भट्ट क़ो राजयसभा भेजा गया है ऐसे में उम्मीद है कल प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिए जाए तो किसी ब्राह्मण नेता के रूप में रमेश पोखरियाल निशंक क़ो प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी सौपी जा सकती है जों भी हो सब भविष्य के गर्भ में है वर्तमान में तो दोनों के टिकट काट कर पार्टी ने उन्हें और उनके समर्थको क़ो मायूस तो कर ही दिया है।