उत्तराखंड में केस्ट्रल एविएशन के हेलीकॉप्टर क्रैश होने से बचा, पहले भी हुई केस्ट्रल कंपनी के हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग…….

केदारनाथ: केदारनाथ क्षेत्र में शनिवार को बड़ा हेलीकॉप्टर हादसा हो सकता था। दोपहर को केस्ट्रल कंपनी का हेलीकॉप्टर अचानक सिरसी बडासू में सड़क पर ही लैंड हो गया। यह इमरजेंसी लैंडिंग थी। जिस समय हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग हुई, गनीमत रही कि कोई वाहन वहां से नहीं गुजर रहा था। हालांकि, सड़क पर लैंडिंग के दौरान हेलीकॉप्टर की रोटर टेल सड़क किनारे खड़े एक वाहन से टकरा गई।

हेलीकॉप्टर में 05 यात्री सवार थे। सभी सुरक्षित हैं। इमरजेंसी लैंडिंग की जानकारी डीजीसीए को दी जा रही है। यह पहली बार नहीं है, जब इस तरह की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी हो। इससे पहले 17 मई को ऋषिकेश एम्स की एयर एंबुलेंस की केदारनाथ धाम के पास इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी।

बीते वर्ष मई 2024 में यहां केस्ट्रल कंपनी का ही एक हेलीकॉप्टर उड़ान भरने के दौरान डगमगा गया था। पायलट की सूझबूझ से तब इमरजेंसी लैंडिंग हो गई थी, लेकिन तब भी हेलीकॉप्टर का पिछले हिस्सा जमीन से टकरा गया था। उस समय हेलीकॉप्टर में 06 यात्री सवार थे।

08 मई 2025 में तो उत्तरकाशी में हेलीकॉप्टर क्रैश में पायलट समेत 06 यात्रियों की जान चली गई थी। इस तरह के हादसों ने सरकारी मशीनरी की चिंता बढ़ा दी है। उत्तराखंड में पहले भी इस तरह की दुर्घटनाएं पहले भी समाने आई हैं। अप्रैल 2023 में केस्ट्रेल एविएशन कंपनी के हेलीकॉप्टर के टेल रोटर ब्लेड से यूकाडा के अफसर की जान गई थी। अक्टूबर 2022 में केदारघाटी में गुजरात और तमिलनाडु के तीर्थ यात्रियों को ले जा रहा हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। जिसमें 07 तीर्थ यात्रियों की मौत हो गई थी।

वर्ष 2022 से पहले भी केदार घाटी में 12 साल के अंतराल में 07 बार हेलीकॉप्टर क्रैश की घटनाएं हो चुकी हैं। इसमें केदारनाथ आपदा के दौरान सेना और आईटीबीपी के 20 जवान रेस्क्यू के दौरान (25 जून 2013) एमआई-17 क्रैश में शहीद हो गए थे। केदार आपदा के दौरान ही केदारनाथ से 02 किलोमीटर दूर जंगलचट्टी में एक निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर क्रैश होने से पायलट, को-पायलट समेत 03 की मौत हो गई थी। 19 जून को भी रेस्क्यू के दौरान जंगलचट्टी के पास एक हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ था, गनीमत थी कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई।

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