उत्तराखंड में कनियाज और भाटगांव में जमीन धंसने से मकानों में आईं दरारें, 31 परिवारों ने छोड़ा घर…….

देहरादून: क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से भिलंगना नदी का जलस्तर बढ़ने से मेडू गांव के नीचे भू-कटाव होने से गांव को खतरा बढ़ता जा रहा है।

भिलंगना ब्लाक के आपदा प्रभावित घुत्तू क्षेत्र में मेंडू ग्राम पंचायत के कनियाज और भाटगांव नामेतोक में जमीन धंसने से कई मकानों में दरारें पड़ गई हैं। इससे भयभीत 31 परिवारों ने अपने घर खाली कर गांव के प्राथमिक स्कूल में शरण ली है। जबकि मेंडू गांव केे नीचे भिलंगना नदी से भू-कटाव होने से गांव को भी खतरा बढ़ता जा रहा है। प्रभावितों ने विस्थापन करने और नदी का कटाव रोकने के उपाय करने की मांग की है।

भिलंग पट्टी के घुत्तू क्षेत्र में 20/21 अगस्त को बादल फटने से काफी तबाही मची थी। ग्रामीणों की सैकड़ों नाली जमीन के साथ ही सार्वजनिक संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ था। क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से भिलंगना नदी का जलस्तर बढ़ने से मेडू गांव के नीचे भू-कटाव होने से गांव को खतरा बढ़ता जा रहा है। जबकि मेडू ग्राम पंचायत के कनियाज और भाटगांव नामेतोक में जमीन धंसने से ग्रामीणों के मकानों में दरारें आ गई है।

खतरे को देखते हुए कनियाज के 14 और भाटगांव के 17 परिवारों ने अपने घर छोड़कर गांव के प्राथमिक स्कूल में शरण ली है। स्कूल के दो कमरों में 31 परिवारों को कई दिक्कतों के साथ रहना पड़ रहा है। गांव के प्रधान कुंवर सिंह ने बताया कि मकानों में दरारें बढ़ती जा रही है। प्रधान ने प्रभावितों के लिए उचित व्यवस्था कर दोनों तोकों का विस्थापन करने और मेंडू गांव के नीचे भिलंगना नदी में हो रहे भूकटाव रोकने का उपाय जल्द शुरू करने की मांग की है।

इनका क्या है कहना
मेंडू गांव के कनियाज और भाटगांव मे जिनके घरो में दरारें पड़ी है, उन्हें सुरक्षित जगह पर जाने को कहा गया है। जो परिवार किराए पर जाना चाहता है, वह जा सकते हैं। प्रशासन की ओर से उन्हें भुगतान किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर उन्हें खाद्यान्न भी दिया जाएगा। भूगर्भीय टीम भी क्षेत्र का सर्वे कर रही है।
– अपूर्वा सिंह, एसडीएम घनसाली

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