उत्तराखंड में अब पूर्व BKTC अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे के खिलाफ खोला मोर्चा सोशल मीडिया मे लिखी ये बात…..

देहरादून: यह कहना अतिशयोक्तिपूर्ण नहीं होगा कि चारधाम यात्रा हमारे प्रदेश का सबसे बड़ा इवेंट है। हमारे प्रदेश की आर्थिकी को संबल प्रदान करती है। यात्रा व्यवस्था पर निर्भर छोटे – बड़े कारोबारी/ व्यवसायी यात्राकाल को लेकर उत्साहित रहते हैं। कुछ माह का यात्रा काल उनके पूरे वर्ष की जीविकोपार्जन का साधन होती है।

यात्राकाल के दौरान कई बार कुछ छोटी- बड़ी समस्याएं भी सामने आती हैं। शासन- प्रशासन के स्तर पर संवेदनशीलता प्रदर्शित होती है तो समस्याओं का निराकरण ससमय हो जाता है। मगर संबंधित अधिकारी संवेदनशील नहीं होते हैं तो समस्याओं का समाधान नहीं हो पाता है।

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के संचालन के लिए पर्यटन विभाग को नोडल एजेंसी बनाया गया है। स्वाभाविक रूप से यात्रा व्यवस्थाओं में समस्याओं को सुनने और उनके समाधान की जिम्मेदारी पर्यटन विभाग की है।

इस वर्ष भी चारधाम यात्रा प्रारंभ होने के पश्चात समय-समय पर कुछ समस्याओं के उत्पन्न होने के पश्चात कई तीर्थ यात्रियों, तीर्थ पुरोहितों, व्यवसायियों आदि द्वारा मुझे अपनी समस्याओं से अवगत कराया गया।

मैंने पर्यटन विभाग के सबसे बड़े अधिकारी सचिव, पर्यटन, श्री सचिन कुर्वे को इन समस्याओं से अवगत कराने का प्रयास किया। उनको कई बार फोन भी किया। मगर उनका कोई जवाब नहीं मिला। श्री कुर्वे द्वारा फोन ना उठाने की शिकायत अन्य तमाम लोगों द्वारा भी की जाती रहती है। यहां तक कि यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर किसी भी प्रकार की जानकारी चाहने वाले मीडियाकर्मियों का फोन भी श्री कुर्वे द्वारा नहीं उठाये जाने की शिकायत की जाती रहती है ।

यह भी आश्चर्यजनक है चारधाम यात्रा जैसे इतने बड़े आयोजन की ज़िम्मेदारी संभालने वाले विभाग के सर्वेसर्वा अधिकारी का यात्राकाल में धामों की व्यवस्थाओं के निरीक्षण करने का कार्यक्रम भी नगण्य ही रहता है ।

मुझे स्मरण है कि लगभग दो वर्ष पूर्व प्रदेश के पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में चारधाम यात्रा को लेकर सचिवालय में आयोजित एक बैठक में मेरे द्वारा श्रद्धालुओं के पंजीकरण को लेकर कुछ चर्चा की गई थी। उस बैठक में श्री कुर्वे मेरे सवालों का प्रतिउत्तर देने के बजाय कुछ बौखलाहट भरे अंदाज़ में जवाब देने लगे थे।

मेरा मानना है कि पर्यटन हमारे प्रदेश का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। इस पद पर किसी उत्साहित व ऊर्जावान और दूरदर्शी सोच के अधिकारी को तैनात किया जाना चाहिए।

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