उत्तराखंड में अब अल्मोड़ा के गांव में बाहरी लोगों के प्रवेश होने पर बैन, जबरन दाखिल होने पर सख्त ऐक्शन की चेतावनी…….
अल्मोड़ा: अल्मोड़ा जिले के एक गांव में बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। गांव में प्रवेश करने को नियम भी बनाए गए हैं। इसके अलावा, गांव में चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए हैं।
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में लोगों ने गांव में प्रवेश के लिए नियम बनाया है। स्याल्दे विकासखंड की भाकुड़ा ग्रामसभा में अपरिचित लोगों को सत्यापन के बाद ही गांव में प्रवेश मिलेगा। इससे संबंधी एक चेतावनी बोर्ड भी गांव के गेट पर लगा दिया गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि पहाड़ों में भूमाफिया और अपराधियों के बढ़ते दखल के कारण यह फैसला लिया है। स्याल्दे के भाकुड़ा गांव में मंगलवार को ग्राम प्रधान ने अपराधों से निपटने के लिए ग्रामीणों के साथ बैठक की। ग्राम प्रधान हेमा देवी ने बताया कि बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि बिना पुलिस सत्यापन किसी भी अपरिचित को भी गांव में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
गांव के गेट पर इस सूचना का बोर्ड लगाया गया है। उल्लंघन करने पर 5 हजार रुपये जुर्माना होगा। जरूरी दस्तावेजों के साथ ग्रामसभा की अनुमति के बाद ही बाहरी व्यक्ति गांव में प्रवेश कर सकेगा।
पूरे विकासखंड के गांवों को प्रेरित किया जाएगा
क्षेत्र पंचायत सदस्य विजय उनियाल का कहना है कि आपराधिक घटनाओं, भूमाफिया के आतंक पर अंकुश के लिए भाकुड़ा ग्रामसभा में ही नहीं अन्य गांवों में भी सख्ती बरतने की तैयारी है। स्याल्दे ब्लॉक सभी ग्राम सभाओं के प्रधानों को भी प्रेरित किया जाएगा।
कालीगड़ और ऐंचोली में लग चुका है प्रतिबंध
अल्मोड़ा जिले में ही सल्ट विकासखंड के कालीगड़ और लमगड़ा विकासखंड के ऐंचोली गांव में पहले ही ऐसे चेतावनी बोर्ड लगाए जा चुके हैं। इन चेतावनी बोर्ड के जरिए बाहरी लोगों पर जमीन खरीदने पर पाबंदी भी लगाई गई है। वहीं, स्याल्दे ब्लॉक के गांव भाकुड़ा में ग्राम प्रधान के इस फैसले का सभी ने स्वागत किया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती आपराधिक घटनाओं, भूमाफिया, फेरी वालों के गलत व्यवहार के मद्देनजर यह निर्णय लिया है। ब्लॉक के सभी गांवों को भी प्रेरित किया जाएगा।
विजय उनियाल, बीडीसी सदस्य, भाकुड़ा-बसई
ग्रामासभा की बैठक में सभी की सहमति से यह निर्णय लिया है। बिना सत्यापन के गांव में घूमने या व्यापार करने पर पांच हजार रुपये जुर्माना तय किया है, यह निर्णय लेना जरूरी हो गया था।
हेमा देवी, ग्राम प्रधान, भाकुड़ा (अल्मोड़ा)