उत्तराखंड के हरिद्वार में जमीन घोटाले पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने उठाए सवाल, कहा- सीबीआई जांच कराए सरकार…….

देहरादून: हरीश रावत ने कहा कि धाकड़ धामी वास्तव में भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं तो प्रदेश में हुए जमीन घोटालों की नए सिरे से उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, हरिद्वार जमीन घोटाले की सीबीआई या न्यायिक संरक्षण में उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए। बिना राजनीतिक संरक्षण व सफेद पोशों की शह पर जमीन घोटाला नहीं हो सकता है। हरिद्वार ही नहीं, प्रदेश में कई जगह पर भूमि घोटाले हुए हैं। इन सभी की जांच कर सफेद पोशों पर भी कार्रवाई की जाए।

डिफेंस कॉलोनी स्थित आवास पर प्रेसवार्ता में हरीश रावत ने कहा कि धाकड़ धामी वास्तव में भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं तो प्रदेश में हुए जमीन घोटालों की नए सिरे से उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। जिससे सच्चाई सामने आ सके। चाहे जमीन घोटाले किसी के शासनकाल में हुए हो।

रावत ने कहा कि एक तरफ घोटालों के जरिये जमीनों को लूटा जा रहा है। वहीं रिस्पना, बिंदाल नदी के किनारे मलिन बस्तियों में बसे लोगों को मालिकाना हक देने के बजाय उजाड़ने का प्रयास किया जा रहा है। कांग्रेस सरकार के समय 2016 में विधानसभा में सर्वसम्मति से कानून पारित कर 500 लोगों को मालिकाना हक दिया गया।

2017 में सत्ता में आने के बाद भाजपा ने इस कानून को लागू नहीं किया। सरकार की ओर से बिना किसी वैकल्पिक व अधिग्रहण की प्रक्रिया को अपनाए मलिन बस्तियों में लोगों के घरों पर निशान लगाए जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता 2017 के बाद मलिन बस्तियों में लोगों को बसाया है।

हरीश रावत ने कहा कि पंचायतों में प्रशासक थोप कर भाजपा सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायतीराज व्यवस्था का हरण किया है। आज पंचायतों में सांविधानिक संकट खड़ा हो गया है। यह गंभीर मामला है। इस सांविधानिक चूक के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाना चाहिए। जिससे भविष्य के लिए एक नजीर बन सके। इस मौके पर कांग्रेस नेता सुरेंद्र अग्रवाल, मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी समेत अन्य नेता मौजूद रहे।

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