उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध चार धाम के कपाट बंद होने की तिथियां तय हो गई, जानिए तारीख……..

देहरादून: उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध चार धाम के कपाट बंद होने की तिथियां तय हो गई हैं। आज दशहरे पर यमुनोत्री व बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि का ऐलान हो गया है। यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज पर 3 नवंबर व बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद होंगे। भगवान मदमहेश्वर के कपाट 20 नवंबर को शीतकाल के लिए बन्द हो जाएंगे। बदरीनाथ धाम में पौराणिक काल से चली आ रही परंपराओं के अनुसार हर साल कपाट बंद होने की तिथि विजयदशमी पर्व पर घोषित की जाती है।

बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद होंगे। पंचांग गणना के बाद कपाट बंद होने की तिथि की घोषणा की गई। बदरीनाथ के मुख्य पुजारी (रावल) अमरनाथ नंबूदरी, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्यगण, प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी की उपस्थिति में कार्यक्रम तय हुआ। बदरीनाथ के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट पंचांगगणना कर कपाट बंद होने की तिथि तय की। बताया कि 17 नवंबर को रात 9 बजकर सात मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे। यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज पर तीन नवंबर को 12 बजकर 5 मिनट पर बंद होंगे।

गंगोत्री व केदारनाथ के कपाट बंद होने की तिथि का पहले ही ऐलान हो चुका है। मां भगवती गंगे के कपाट गंगोत्री धाम में शीतकाल के लिए 2 नवंबर को 12:14 पर अभिजीत मुहूर्त में बंद कर दिए जाएंगे।

मां भगवती गंगे के डोली गंगोत्री से प्रस्थान कर रात्रि विश्राम भगवती मंदिर मारकंडे के पास निवास करेगी और 3 नवंबर को मां भगवती गंगे की डोली मुखवा में शीतकालीन प्रवास में विराजमान हो जाएगी। शीतकाल के लिए बाबा केदार के कपाट 3 नवंबर, को भाईदूज के दिन प्रातः 8 बजकर 30 मिनट पर बंद कर दिए जाएंगे। अगले 6 माह बाबा केदार के दर्शन शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में होंगे।

केदारनाथ भगवान की चल-विग्रह डोली यात्रा कार्यक्रम के अनुसार 3 नवंबर को चल-विग्रह डोली केदारनाथ मंदिर से प्रातः 8:30 बजे प्रस्थान होगी। इसके बाद रात में विश्राम के लिए रामपुर पहुंचेगी। इस तरह अब शीतकाल में शीतकालीन गद्दीस्थल में ही दर्शन होंगे।

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