उत्तराखंड के इन पूरे जिले में नहीं बिके स्टांप, दो दिन और हड़ताल पर रहेंगे अधिवक्ता रजिस्ट्री प्रक्रिया में नई व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं अधिवक्ता और स्टांप विक्रेता…….
देहरादून: रजिस्ट्री प्रक्रिया में नई व्यवस्थाओं के विरोध में मंगलवार को अधिवक्ताओं के साथ स्टांप वेंडर भी हड़ताल पर रहे। इस दौरान देहरादून की सभी कचहरियों में एक भी स्टांप नहीं बिका। इससे लोगों के शपथपत्र भी नहीं बन सके। अधिवक्ताओं ने दो दिन और हड़ताल का निर्णय लिया है। इसके लिए देहरादून और हरिद्वार की सभी बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने संयुक्त बैठक की।
अधिवक्ताओं के अनुसार हड़ताल की अवधि को और भी बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए बार काउंसिल से भी चर्चा की जा रही है। गौरतलब है कि जमीनों की रजिस्ट्री प्रक्रिया में हाल ही में नया बदलाव किया गया है। इसके तहत रजिस्ट्री में शामिल सभी लोगों का पब्लिक डाटा एंट्री में मोबाइल नंबर और ई-मेल एड्रेस जरूरी कर दिया गया है। अधिवक्ताओं का मानना है कि इससे आने वाले समय में धोखाधड़ी की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। इसके विरोध में अधिवक्ता गत 30 जून से सब रजिस्ट्रार कार्यालयों का बहिष्कार कर रहे हैं। यही नहीं जल्द ही ऑनलाइन रजिस्ट्री की प्रक्रिया भी शुरू होने जा रही है। इससे अधिवक्ताओं और स्टांप वेंडर दोनों के बीच रोष है।
आशंका जताई जा रही है कि रजिस्ट्री प्रक्रिया से अधिवक्ताओं और स्टांप विक्रेताओं को बाहर करने की तैयारी की जा रही है। इसके विरोध में देहरादून, विकासनगर, ऋषिकेश, डोईवाला समेत हरिद्वार की कई कोर्ट परिसरों में स्टांप वेंडर हड़ताल पर रहे। किसी भी कचहरी में एक भी स्टांप नहीं बिका। इसके अलावा नए मुकदमों के लिए अधिवक्ताओं के वकालत नामे की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो पाई। इससे कचहरियों में आने वाले वादकारियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कचहरी में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा रहा। सामान्य रूप से अदालतों में कार्यवाही सुचारू रही, लेकिन सब रजिस्ट्रार कार्यालयों में कुछ काम नहीं हुआ।
दो दिन और हड़ताल, संयुक्त बैठक में फैसला।
दून बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीश शर्मा बंटू ने बताया कि मंगलवार को हरिद्वार की सभी बार एसोसिएशन के पदाधिकारी देहरादून पहुंचे थे। करीब दो घंटे तक सभी ने रजिस्ट्री प्रक्रिया में इस नई व्यवस्था पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि संयुक्त बैठक में आगामी दो दिनों तक हड़ताल पर रहने का निर्णय लिया गया है। अब इस मामले को बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड के संज्ञान में भी लाया गया है।
प्रदेशव्यापी हो सकती है हड़ताल।
बार काउंसिल के सदस्य भी इस व्यवस्था पर विचार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि काउंसिल इस पर प्रदेशव्यापी हड़ताल का फैसला भी ले सकती है। हालांकि, इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलने का वक्त लिया गया है। बुधवार को बार काउंसिल के सदस्य और बार एसोसिएशन के पदाधिकारी मुख्यमंत्री से मिलकर इस मुद्दे को उनके सामने उठाएंगे। यदि कोई हल नहीं निकलता है तो आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा।
नहीं हो सकीं 2000 से ज्यादा रजिस्ट्री।
अधिवक्ता गत 30 जुलाई से हड़ताल कर रहे हैं। देहरादून के चार सब रजिस्ट्रार कार्यालयों में हर दिन तकरीबन 300 रजिस्ट्री होती हैं। इस हिसाब से सात दिनों के भीतर पूरे जिले में 2000 से ज्यादा रजिस्ट्री नहीं हो पाईं। इससे सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है। हालांकि, हड़ताल समाप्त होने के बाद देरी से ये रजिस्ट्री कराई जाएंगी। मगर, इस बीच तमाम दुश्वारियों का सामना करना पड़ सकता है। इसी तरह हरिद्वार में भी बीते चार दिनों से रजिस्ट्री का काम ठप है। वहां भी लगभग एक हजार से ज्यादा रजिस्ट्री नहीं हो पाईं।
एक करोड़ के स्टांप बिकते हैं रोजाना।
देहरादून की सभी कचहरियों देहरादून, डोईवाला, ऋषिकेश और विकासनगर में तकरीबन 400 से ज्यादा स्टांप विक्रेता हैं। अकेले देहरादून कोर्ट परिसर में ही 200 के करीब छोटे-बड़े स्टांप विक्रेता कारोबार करते हैं। सामान्य दिनों में यहां से 70 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये के बीच स्टांप की बिक्री की जाती है, लेकिन मंगलवार को स्टांप की बिक्री नहीं हो पाई।