उत्तराखंड में कांग्रेस के निष्कासित नेताओ के लिए पार्टी में शामिल होने का मौका, पीसीसी को अभी तक मिली 25 एप्लिकेशन…….

देहरादून : उत्तराखंड में करीब 3 साल पहले निकाय चुनावों में पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते ठुकराए सदस्यों और पदाधिकारियों की कांग्रेस में वापसी कराने की तैयारी शुरू हो गई है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उत्तराखंड के 89 निष्कासितों से पार्टी में वापसी से पहले अपना पक्ष रखने को कहा है। विचार विमर्श समीक्षा कमेटी और पीसीसी के पास अब तक 25 एप्लीकेशन आ चुकी हैं।

जल्द ही दून में होने वाली बैठक से पहले कमेटी द्वारा पीसीसी को अपनी रिपोर्ट सौंपी जाएगी। इसके बाद निष्कासितों की पार्टी में वापसी होगी। बहरहाल, विधानसभा चुनाव-2022 से पहले कांग्रेस ने संगठन की मजबूती के लिए एक और दांव खेला है। अक्तूबर-नवंबर 2018 में उत्तराखंड के 84 निकायों के चुनाव हुए थे।

इस दौरान 7 नगर निगम, 39 नगर पालिका और 38 नगर पंचायतों में भाजपा-कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों का सीधा आमना सामना होना था। लेकिन अपने चहेते दावेदार को टिकट न मिलने पर कुछ नेताओं ने भाजपा या अन्य संगठन समर्थित प्रत्याशियों का प्रचार-प्रसार किया।

इससे निकाय चुनाव में कांग्रेस को जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई तो मुमकिन नहीं थी लेकिन निकाय चुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंचाने वालों पर कड़ा रुख अपनाया गया। प्रदेश से 89 नेताओं को निष्कासित कर दिया गया। अब सियासी समीकरणों में बदलाव की आशंका को भांपते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने निष्कासितों को पार्टी में वापस लाने के लिए कसरत शुरू कर दी है। निष्कासितों का पक्ष लेने के लिए विचार विमर्श समीक्षा कमेटी का गठन किया गया।

प्रदेश से अब तक 25 निष्कासितों ने अपना पक्ष उपलब्ध कराया है। जल्द ही इसकी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भेजी जानी है। निकाय चुनावों के दौरान 89 लोगों को पार्टी से बाहर किया गया था।

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