पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू ने इस्तीफा दिया, अब हरीश रावत फिर होंगे उन्हें मनाने ले लिए परेशान…..

नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष से इस्तीफा दे दिया है। सिद्धू ने सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया है। सिद्धू ने लिखा है कि मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडा से समझौता नहीं कर सकता हूं। पत्र में लिखा है कि एक आदमी के चरित्र का पतन समझौते से उपजा है, मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे से कभी समझौता नहीं कर सकता। इसलिए, मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं। कांग्रेस की सेवा करता रहूंगा।

पंजाब कांग्रेस में मचा घमासान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया। इसकी वजह सिद्धू को माना गया। उन्होंने साफ-साफ कहा कि वो सिद्धू के साथ काम नहीं कर सकते। इस्तीफे के बाद कैप्टन ने सिद्धू ने लगातार हमले किए उन्हें देशविरोधी तक कहा।

अमरिंदर ने कहा कि अगर कांग्रेस सिद्धू को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाती है तो वो इसका हर हद तक विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि वो सिद्धू के खिलाफ एक मजबूत उम्मीदवार खड़ा करेंगे, वह (सिद्धू) राज्य के लिए खतरनाक हैं। सिद्धू के इस्तीफे पर अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर कहा कि मैंने कहा था…वह स्थिर व्यक्ति नहीं है और पंजाब जैसे सीमावर्ती राज्य के लिए उपयुक्त नहीं है।

वहीं उत्तराखंड के वरिष्ठ नेता और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत को एक बार फिर दिल्ली और पंजाब के बीच माथापच्ची करने जाना होगा अब यह बात साफ है कि हरीश रावत कांग्रेस के प्रभारी हैं ऐसे में उन्हें वहां की जिम्मेदारी भी निभानी होगी लेकिन 3 महीने बाद उत्तराखंड में भी चुनाव है ऐसे में हरीश रावत के लिए परेशानी बढ़नी लगभग तय है कि वह पंजाब में मनाए या फिर उत्तराखंड कांग्रेस में 2022 के चुनाव की तैयारियां करवाएं।

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