क्या बीजेपी में भी शुरू हो गई सीएम को लेकर लड़ाई, क्या मुलाकातों के ये दौर सीएम पद के लिए मदन कौशिक और धन सिंह की लॉबिंग की कोशिश तो नहीं ?
देहरादून : उत्तराखंड में आखिरकार बीजेपी में अंदर खाने बहुत कुछ चल रहा है भले ही सीएम की कुर्सी के लिए कांग्रेस में लड़ाई का माहौल बना हो लेकिन ऐसा ही माहौल बीजेपी में भी बनता नजर आ रहा है वर्तमान में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी है और अगर वह विधायक के रुप में जीते तो अगले सीएम भी हो सकते हैं अगर बीजेपी सत्ता में आई तो।
लेकिन हैरानी की एक बात बीजेपी के सूत्र बताते नजर आ रहे हैं कि पार्टी मैं सीएम के पद को लेकर लॉबिंग तेज हो गई है अंदर खाने ये प्रचारित किया जा रहा है कि बीजेपी 2022 तो जीत रही हैं लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनाव हार रहे हैं ऐसे में पार्टी के कुछ नेता लगता है सीएम की लॉबिंग में लग चुके हैं।
हालांकि पुष्कर सिंह धामी की सीट पर समीकरण हर बार की तरह कमोबेश वैसे ही है जो 2017 के दौरान थे इस बार उनके लिए सीट निकालना मुश्किल तो है लेकिन नामुमकिन नहीं माना जा रहा है धामी को सीएम होने का फायदा इस चुनाव में मिल सकता है वहीं चुनाव के अंतिम समय में कांग्रेस प्रत्याशी का स्टिंग भी सामने आया था जिस से कांग्रेस प्रत्याशी को झटका भी लगा था ऐसे में थारू जनजाति का वोट कितना बटता है और पर्वतीय मूल का कितना वोट धामी को मिलता है इससे जीत हार तय होंगी लेकिन बीजेपी के अंदर खाने कुछ नेता यह प्रचारित करने में जुटे हुए हैं कि धामी चुनाव हार रहे हैं।
वहीं एकाएक बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और मंत्री धन सिंह रावत का बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों से मिलने का जो सिलसिला शुरू हुआ है उसे भले ही शिष्टाचार का नाम दिया गया हो लेकिन अंदरखाने बहुत कुछ चल रहा है क्या ये नेता सीएम पद के लिए लॉबिंग करने में जुट गए हैं. हालात तो ऐसे ही लग रहे हैं पहले मदन कौशिक और धन सिंह रावत पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाक़ात कर चुके हैं वही आज मदन कौशिक ने पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक से भी मुलाकात की है और आकड़ो के आदान प्रदान की बात कर रहे हैं लेकिन कही ये आशीर्वाद मांगने की कोशिश तो नहीं।
क्योंकि चुनावो में तो ये मुलाकातों का शिष्टाचार दिखाई नहीं दिया एकाएक चुनाव खत्म होने के बाद तमाम शिष्टाचार निकल के बाहर आ गए हैं जहां तक धन सिंह रावत की बात करें उनकी सीट फंसी हुई है और जीत हो भी सकती है और नहीं भी हो सकती.ऐसे कयास राजनीतिक पंडित लगा रहे हैं हालांकि धन सिंह रावत के करीबियों की माने तो धन सिंह रावत जीत के लिए आश्वास्त हैं लेकिन जीत के लिए ऐसे ही आश्वस्त गणेश गोदियाल भी हैं।
वही मदन कौशिक की सीट भी इस बार भारी विरोध के चलते फंसी हुई है लेकिन स्थानीय समीकरणों की मानें तो मदन कौशिक हरिद्वार शहर की सीट जीत सकने में कामयाब हो सकते हैं ऐसे में अगर यह दोनों नेता सीएम के लिए लॉबिंग कर भी रहे हैं तो इनका नंबर तभी आएगा बीजेपी सत्ता में आए और ज़ब पुष्कर सिंह धामी चुनाव ना जीत सकें अगर वो चुनाव जीत गए तो इनके मंत्री बनने के भी लाले पड़ सकते हैं।
लेकिन ये तमाम चीजे अभी कयास भर हैं ये तमाम चीजे तब होंगी ज़ब बीजेपी सत्ता में आएगी अगर बीजेपी सत्ता में नहीं आ पाई तो बीजेपी के तमाम विधायक जीतकर भी मंत्री मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे इसलिए सलाह यहीं हैं पहले 10 मार्च का इंतज़ार कर लें फिर आगे की रणनीति पर काम करें।