उत्तराखंड में अपनी हार का कारण अभी तक नहीं समझ पाए हरीश रावत…..

देहरादून : 2017 के बाद 2022 में भी उत्तराखंड के पूर्व सीएम एवं कांग्रेस नेता हरीश रावत को हार सामना करना पड़ा है। लालकुंआ विधानसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी मोहन सिंह बिष्ट ने उनको 14 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है। कांग्रेस ने हरीश रावत को रामनगर विधानसभा सीट से हटाकर लालकुआं सीट पर उतार दिया था जिसके बाद से लालकुआं हॉट सीट बन गई थी। आपको बता दें कि हरीश रावत 2017 विधानसभा चुनाव में दो सीटों पर चुनाव लड़े थे और हार गए थे।

हार के बाद हरीश रावत का दुख छलगा है। उन्होंने कहा कि मेरे लिए, परिणाम बहुत आश्चर्यजनक हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि इतनी भारी महगाई के बाद, अगर यह जनता का जनादेश होता, तो लोक कल्याण और सामाजिक न्याय की परिभाषा क्या होती? इसके बाद बीजेपी जिंदाबाद कहने वाले लोग मुझे समझ नहीं पाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमारी अभियान रणनीति अपर्याप्त थी और मैं इसे अभियान समिति के अध्यक्ष के रूप में स्वीकार करता हूं।

हरिश रावत ने कहा कि उत्तराखंड की जनता का दिल जीतने की हमारी कोशिश कुछ कम थी। हमें यकीन था कि लोग बदलाव के लिए वोट करेंगे, हमारे प्रयासों में कोई कमी रही होगी, मैं इसे स्वीकार करता हूं और हार की जिम्मेदारी लेता हूं। लोगों ने बहुत अच्छा काम किया और मैं उन्हें धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं लोगों का विश्वास नहीं जीत सका लेकिन मैं अपनी बेटी और जीतने वाले सभी उम्मीदवारों को बधाई देना चाहता हूं।

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री रहते हुए हरीश रावत ने साल 2017 के विधानसभा चुनाव में दो सीटों (हरिद्वार ग्रामीण और किच्छा) से विधानसभा चुनाव लड़े थे. लेकिन उन्हें दोनों ही सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा था। इस बार उन्होंने नैनीताल जिले में हल्द्वानी के पास लालकुआं विधानसभा से चुनाव लड़े और इस बार भी राज्य की जनता ने उन पर भरोसा नहीं दिखाया और चुनाव हार गए।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *