उत्तराखंड में यहां पर भी रोड शो और जनसभा को संबोधित के दौरान हरीश रावत और उनकी पुत्री अनुपमा रावत का दिल भर आया और दोनों ही रोने लगे….
हरिद्वार : हरिद्वार ग्रामीण से कांग्रेस की प्रत्याशी अनूपमा रावत के मुख्य कार्यालय का उद्घाटन उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हरीश रावत ने फेरूपुर में किया इस दौरान हुई सभा को संबोधित करते हुए हरीश रावत 2017 की हार को लेकर भावुक हो गए और उन्होंने क्षेत्रवासियों से अपनी बेटी को जिताने के लिए भावुक अपील भी की पिता को भावुक होता देख पुत्री भी भावुक हो गई अब पुत्री ने माना कि वह भावुक हो गई थी हरीश रावत ने भी माना कि बहुत सारे पुराने लोगों को देखकर वह भावुक हो गए थे ,लेकिन उन्होंने अपने आप को संभाल लिया हरीश रावत ने इस दौरान बसपा द्वारा आखिरी क्षणों में कैंडिडेट बदले जाने पर कटाक्ष करते हुए बसपा पर सुपारी किलर होने का आरोप लगाया और कहा कि बसपा यह बताएं वे भाजपा को नुकसान पहुंचाना चाहती है या कांग्रेस को, जिस तरह से 2017 में उनके साथ हुआ वही अब उनकी बेटी के साथ किया जा रहा है,उन्होंने उपस्थित लोगों से भावनात्मक अपील कर अपनी बेटी को जिताने की अपील भी की ।
हरीश रावत का कहना है कि हमारे बहुत पुराने पुराने साथी आए थे तो जरा मैं भावना में थोड़ा कुछ बात कर गया और लेकिन जो कुछ कहा वह हरिद्वार से जो मेरा संबंध है मैंने उस संबंध के विश्वास पर कहा, मैं 22 साल से हरिद्वार और इस धरती की सेवा कर रहा हूं, कांग्रेस हार जाए और इस बार भी उम्मीदवार घोषित किया और अंतिम क्षण में उम्मीदवार इसलिए बदल दिया गया कि ताकि बीजेपी के उम्मीदवार को वह मुफीद पड़े उसको लाभ मिल जाए ,यह जो सुपारी किलर की भूमिका राजनीतिक दल यदी अदा करेंगे करने लगते हैं तो बड़ी तकलीफ होती है, लोग कहते हैं कि पैसे ने करवाया मैं नहीं जानता मैं इतना बड़ा आरोप नहीं लगाऊंगा किसी पार्टी पर, लेकिन यह दुर्भाग्य जनक है कि बसपा को यह सोचना चाहिए कि उसका लक्ष्य भाजपा को हराना है या कांग्रेस को हराना है, कैंडिडेट बदले जाने से फर्क का सवाल नहीं है।
सवाल इस बात का है कि ऐसा क्यों किया किया गया इससे यह लगता है कि आप कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने के लिए उम्मीदवार खड़ा कर रहे हैं, 17 में जो हार हुई थी उसका बदला बेटी बिल्कुल चुकाएगी ,भावुक होने के पीछे मैंने अपने बहुत पुराने साथी एक साथ देखा तो, मैंने मेरे को बड़ी मुश्किल से कंट्रोल किया वह भी रोने लगे थ-कांग्रेस कैंडिडेट अनुपमा रावत का कहना है कि रावत जी ने अपनी बातें लोगों के सामने रखी हैं कि हमारे लोग यहां पर हैं और सभी लोगों से जितने भी यहां आए थे हजारों की तादाद में लोग ग्रामीण 35 के उनसे हमारा भावनात्मक लगाव है और कई वर्षों का है और कई बार ऐसे क्षण आ जाते हैं कि व्यक्ति भावनाओं में बह जाता है और जो व्यक्ति बहुत ही दिल से किसी के लिए मन से सेवा करता है और उसका फल उसे नहीं मिल पाता है तो कई बार हो जाता है, हरीश रावत जी भावना में बह गए और उनको देखकर कहीं न कहीं मुझे भी कुछ ऐसी ऐसा क्षण था कि वह चीजें मुझे भी याद आ गई और मैं भी वह गई ,2017 की हार और जीत का सवाल नहीं है बात यह है कि बहुत दिल से क्षेत्र के लिए कार्य किए थे कई ऐसे कार्य थे जो जब से आजाद हुए लोग कहते हैं तब से भी नहीं हुए थे और कई ऐसी बातें हैं जिनके लिए बड़े बड़े आंदोलन अलग-अलग राज्यों में चलें तब, लेकिन तब भी वह चीजें लोगों को प्राप्त नहीं हुई, लेकिन हमने लोगों की भलाई के लिए कार्य किया, यह कि मेन स्ट्रीम प्रोग्रेस से लोगों को यहां जोड़ा जा सके हरिद्वार ग्रामीण के लेकिन रिजल्ट उस समय इस तरीके के नहीं आ पाए और हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इस चीज का पर लोगों को एहसास है आज किसी भी गांव में चले जाइए जो लोगों का आशीर्वाद है मैं ग्रामीण क्षेत्र है और यहां पर रात को 8-9 बजे अमूमन लोग विश्राम कर लेते हैं लेकिन हम 9:30 बजे भी गांव हंसी वाला पहुंचे तो वहां जो बड़े बुजुर्ग थे जब उनको पता चला कि मैं आई हूं तो वह बड़े बुजुर्ग अपने बिस्तर से उठ कर आशीर्वाद देने के लिए आए और कहा कि बेटी तेरे को हम जिता कर भेजेंगे, यह भावना है।
हार का बदला लेने पर वह कहती हैं कि जीत हार मेरी परिपाटी कभी भी नहीं रही कि मैंने बदला लेना है लेकिन मेरा उद्देश्य हमेशा से राजनीति में आने का रहा है ,मेरी जो शिक्षा और दीक्षा रही मेरा यह रहा है कि मैं काम करूं इसी के लिए मैंने राजनीति को चुना कि मुझे लोगों की सेवा करनी है और युवा होने के नाते भी महिला होने के नाते भी अगर मैं कुछ नया बदलाव ला सकती हूं और अपने राज्य के लिए कुछ कर सकूं यहां के लोगों के लिए कुछ कर सकूं तो मेरा जीवन उसमें बहुत सार्थक मानूंगी प्रियंका गांधी के नारे लड़की हूं,,, पर वह कहती है कि मैं बेटी हूं और बेटी सेवा कर सकती है और बेटी को मौका भी मिलना चाहिए।
रात में कैंडिडेट बदले जाने पर अनुपमा कहती हैं कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ा करती है लोग अच्छी तरीके से जानते हैं कि यह क्या हुआ कि 12 घंटे के अंदर टिकट बदल दिया 12 बजे कैंडिडेट दूसरा बसपा का सिंबल लेकर चला गया तो यह पब्लिक है यह सब जानती है और बहुत जागरूक पब्लिक है और सब अच्छी तरीके से जानते हैं ,और परेशानी झेल रही है डबल इंजन सरकार में ऐसा नहीं है और बिल्कुल गलत निर्णय नहीं लेंगे और मैं तो इनकी बेटी हूं मेरी तो शादी कन्यादान इन लोगों ने किया है और आज बेटी अपने पीहर आई है और कह रही है कि मुझे एक बार सेवा का मौका दो तो मुझे विश्वास है कि अपनी बेटी को यह निराश नहीं करेंगे और अपना आशीर्वाद मेरे सर पर रखेंगे ,बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के आने से पर वे कहती हैं कि यह उनकी भावना है कि वह अपना आशीर्वाद देने के लिए आए यही तो भावना है जो दिखाती है यही तो उनका आशीर्वाद है जो दिखाता है कि कांग्रेस यहां से विजय प्राप्त कर रही है ।