उत्तराखंड में सीएम को लेकर दावेदारों कि भरमार, धामी के लिए सीट छोड़ने कि घोषणा करने वाले 2 विधायकों को फटकार, कही धामी के लिए अच्छा करने निकले बुरा ना कर डाले…..
देहरादून : उत्तराखंड में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इसपर क्यासबाजी का दौर भी शुरू हो गया है। विधानसभा चुनाव 2022 में प्रचंड बहुमत के साथ जीती भाजपा हाईकमान अब मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला करेगा। उत्तराखंड की कमान किसी ठाकुर या ब्राह्मण विधायक को मिलेगी ? नतीजों के बाद भाजपा विधायक लॉबिंग करने में जुट गए हैं। पुष्कर सिंह धामी के खटीमा विधानसभा सीट से हारने के बाद अगले मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान पार्टी हाईकमान जल्द कर सकती है।
वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिएविधायकी छोड़ने की घोषणा करने वाले विधायकों की भी संख्या कम नहीं कई विधायक ऐसा कर चुके हैं लेकिन सूत्र बताते हैं कि इस तरह के बयानों से पार्टी संगठन इससे नाराज हैं और दो विधायकों को इसको लेकर फटकार भी लगाई गई हैं साफ कहा गया हैं कि पार्टी के द्वारा अभी किसी विधायक को इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा गया तो फिर क्यों बेवजह ऐसा किया जा रहा हैं अब तमाम विधायक भले ही धामी के भले और उनका पक्ष लेने के लिए ऐसा कर रहे हो लेकिन इससे सीएम धामी के पक्ष के ज्यादा विपक्ष में बात जा सकती हैं क्योंकि उत्तराखंड का इतिहास कहता है कि जिसका नाम सबसे ज्यादा चलता है उसी का नाम सबसे पहले कटता भी है।
राजनैतिक सूत्रों की बात मानें तो कैबिनेट मंत्रियों में सतपाल महाराज और धन सिंह रावत इसके प्रबल दौड़ में हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी रेस में बने हुए हैं तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी विकल्प खुला है। वही पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद खंडूरी की बेटी रितु खंडूरी का नाम भी बड़ी गंभीरता से लिया जा रहा है
वहीं, गैर विधायकों में पूर्व सीएम डा. रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट और सांसद अनिल बलूनी के नाम की चर्चाएं चल रही हैं।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि एक-दो दिन के भीतर पार्टी हाईकमान मुख्यमंत्री का चेहरा तय कर सकता है। संभावित दावेदारों ने लाबिंग भी शुरू कर दी है। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और धन सिंह रावत लगातार दूसरी बार जीत कर सदन में पहुंचे। दोनों पौड़ी जिले से हैं और वहां सभी छह सीटें भाजपा के खाते में गई हैं।
सूत्रों के अनुसार पार्टी में क्षेत्रपों का नया धुव्रीकरण न बनें, इससे बचने के लिए पुष्कर धामी का नाम भी विकल्प के रूप में चर्चाओं में है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी जनसभाओं के दौरान मंच से कह चुके हैं कि उत्तराखंड का अगला सीएम धामी ही होंगे। धामी हालांकि चुनाव हार गए।
लेकिन उनके नेतृत्व में पार्टी फिर पूर्ण बहुमत से जीतने में सफल रही। अगर गैर विधायकों में से मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो फिर पूर्व सीएम निशंक, केंद्रीय राज्य मंत्री भट्ट और पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी व सांसद बलूनी में से किसी एक की किस्मत खुल सकती है। फिलहाल, उत्तराखंड की राजनीति में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
ब्राह्मण चेहरे: मदन कौशिक, सुबोध उनियाल, बंशीधर भगत और अरविंद पांडेय, अजय भट्ट, अनिल बलूनी ऋतू खंडूरी।
ठाकुर चेहरे पुष्कर सिंह धामी, सतपाल महाराज, धन सिंह रावत।
सपताल महाराज और धन सिंह रावत का नाम पहले भी उछला।
भाजपा ने पिछले पांच साल के कार्यकाल में उत्तराखंड को तीन-तीन मुख्यमंत्री दिए। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत औ तीरथ सिंह रावत को बदलने के वक्त चोबट्टाखाल विधायक सतपाल महाराज और श्रीनगर विधायक धन सिंह रावत का नाम कई बार सुर्खियों में रहा। लेकिन दोनों ही बार भाजपा हाईकमान ने उत्तराखंड की कमान किसी और सौंप दी। 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीतने के बाद एक बार फिर महाराज और रावत के नामों के चर्चा भी शुरू हो गई है। इसी के बीच, शनिवार को महाराज दिल्ली रवाना हुए हैं। दोनों ही विधायक पौड़ी जिले से हैं।