पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आखिर क्यों रमेश पोखरियाल निशंक के मानव संसाधन मंत्री के पद से इस्तीफे से दुखी है…..

देहरादून : वैसे तो हरीश रावत और निशंक के बीच में राजनीतिक प्रतिद्वंदिता हमेशा देखी जाती रही है लेकिन अब जब रमेश पोखरियाल निशंक केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री नहीं है तो हरीश रावत रमेश पोखरियाल निशंक के लिए बेहद दुखी हैं फेसबुक पर हरीश रावत ने लिखा कि#राजनीति में पद आते हैं और पद छिनते भी हैं। मगर कुछ लोगों से पद का छिन जाना, गहरी व्यथा देता है। Dr.Ramesh Pokhriyal Nishank जी, राज्य के भूतपूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री पद सुशोभित कर चुके, एक ऐसे व्यक्ति हैं जो ग्रामीण परिवेश से, एकदम सामान्य पर्वतीय घर से निकलकर देश के मानव संसाधन मंत्री बने।

जब वो मानव संसाधन मंत्री बने तब भी मुझे बेहद प्रसन्नता हुई और मैंने अपनी खुशी जाहिर की। क्योंकि #उत्तराखंड छोटा राज्य है, अब हमारे लिए राष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित करने वाले गोविंद बल्लभ पंत देना संभव नहीं है, न हेमवती नंदन बहुगुणा और नारायण दत्त तिवारी देना संभव है।

मगर निशंक जी मानव संसाधन मंत्री बने, यह एक बड़ी उपलब्धि थी। हम राजनैतिक प्रतिद्वंदी हैं, मुझे हरिद्वार से बेदखल करने के लिए निशंक जी हमेशा प्रयासरत रहे। मगर जिस समय सामूहिक गौरव की बात आती है तो उस समय ये सब बातें व्यक्तिगत राग-द्वेष, झगड़े राजनैतिक प्रतिस्पर्धाएं गौण हो जाती हैं। जब श्री निशंक जी के इस्तीफे का समाचार आया तो मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने मुझसे कुछ छीन लिया हो।

निशंक स्वस्थ रहें और जब यहां तक उन्होंने अवसर बनाया है तो वो आगे भी अवसर बना सकने की क्षमता रखते हैं, इसका मुझे विश्वास है। वो जन्म से ब्राह्मण हैं इसलिए मैं आशीर्वाद तो नहीं दे सकता, मगर मैं इच्छा प्रकट कर सकता हूंँ कि ऐसा हो।

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