उत्तराखंड में दरोगा भर्ती धांधली को लेकर बड़ा खुलासा, पंतनगर विवि में साजिश के तहत जलाई गई ओएमआर शीट….
देहरादून: दरोगा भर्ती धांधली: विजिलेंस का खुलासा, पंतनगर विवि में साजिश के तहत जलाई गई ओएमआर शीटइस मामले में कुल 12 आरोपियों में से पांच दूसरे मुकदमों में जेल में बंद हैं। फिलहाल मुकदमे की जांच में पूछताछ की जा रही है।दरोगा भर्ती में धांधली की जांच कर रही विजिलेंस को ओएमआर शीट वीड आउट में साजिश का पता चला है।
पंतनगर विश्वविद्यालय में ओएमआर शीट नियमों के तहत नष्ट नहीं की गई थी बल्कि उन्हें साजिश के तहत जलाया गया। क्योंकि, इससे पहले की सभी परीक्षाओं की ओएमआर शीट विवि में मौजूद हैं।
इस संबंध में पिछले दिनों अधिकारियों से पूछताछ की गई थी। जल्द ही विजिलेंस ओएमआर शीट जलाने के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करेगी। वर्ष 2015 में हुई दरोगा की सीधी भर्ती में धांधली का पता स्नातक स्तरीय परीक्षा की जांच के दौरान लगा था। सामने आया था कि कुल भर्ती 339 दरोगाओं में से कम से कम 10 फीसदी दरोगा ओएमआर शीटों में गड़बड़ी कर भर्ती हुए हैं। विजिलेंस जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, उनके मिलान के लिए पहले से ही ओएमआर शीटें नहीं मिल रही थीं।
बताया गया कि इन ओएमआर शीटों को वीड आउट (नष्ट) कर दिया गया है। हाल ही में इस मामले में शासन के निर्देश पर 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इनमें विवि का एक डीन भी शामिल है। पिछले दिनों डीन से पूछताछ की गई थी।
विजिलेंस के अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, ओएमआर शीटों को नियमानुसार वीड आउट नहीं किया गया था। इसके लिए एक कमेटी का गठन होता है। इसकी सहमति पर ही वीड आउट प्रक्रिया होती है। इसके लिए जारी सहमति पर अध्यक्ष और कुछ सदस्यों के हस्ताक्षर ही नहीं हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि ओएमआर शीट साजिश के तहत जलाई गई है।
इस मामले में कुल 12 आरोपियों में से पांच दूसरे मुकदमों में जेल में बंद हैं। फिलहाल मुकदमे की जांच में पूछताछ की जा रही है। एक अधिकारी से तीन दिन पहले सात घंटे तक पूछताछ की गई थी। अब विजिलेंस की जांच में बहुत से ऐसे तथ्य सामने आए हैं, जिनमें नई गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। ओएमआर शीट को नष्ट करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जा सकता है।