STF एवं साईबर क्राईम पुलिस ने देहरादून के बसन्त विहार क्षेत्र में किया गया फर्जी अन्तराष्ट्रीय काल सेन्टर का खुलासा
देहरादून : बढ़ते साईबर अपराधों के परिप्रेक्ष्य में साईबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हेतु अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे है । इसी परिपेक्ष्य में उत्तराखण्ड के देहरादून जनपद के बसन्त विहार थाना क्षेत्रान्तर्गत चल रहे फर्जी अन्तर्राष्ट्रीय काल सेन्टर का खुलासा ।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ ने बताया कि मुखबिर खास के द्वारा एक इनपुट मिला कि पिछले कुछ समय से देहरादून के बसन्त विहार क्षेत्रान्तर्गत फर्जी काल सेन्टर के संचालन सम्बन्धी सूचना प्राप्त हुई थी। फर्जी काल सेन्टर में कार्य करने वाले लोगों के द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका में निवास करने वाले सीनियर सिटीजन को कोरोना काल में बीमा पालिसी के माध्यम से लाभ पहुचाने के नाम पर ठगी करने सम्बन्धी कार्य किये जा रहे थे।
उपरोक्त सूचना के आधार पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया व देर शाम एसटीएफ व साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून के द्वारा बसन्त विहार थाना क्षेत्रान्तर्गत क्वीन्स टावर पर फर्जी अन्तराष्ट्रीय काल सेन्टर पर दबिश दी गयी जो कि एक बहुमंजिला ईमारत में संचालित हो रहा था जिसमें मौके पर मौजूद कार्यरत कर्मचारियों से पूछताछ की गयी तो वो कोई भी सन्तोषजनक जवाब नहीं दे पाये । पूछताछ के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आये कि हम लोग पहले दिल्ली में कार्य करते थे बाद में हम लोग हमारे सीनियर जो कि दिल्ली व नोएडा में रहते हैं उनके द्वारा हमें प्रदान किये गये डेटाबेस के आधार पर हम लोग संयुक्त राज्य अमेरिका में निवासरत सीनियर सिटीजन को फोन करके कोरोना काल में उनकी बीमा पालिसी पर स्कीम व बोनस का लालच देकर उनको कुछ गिफ्ट कार्ड प्रदान कर उनमें कुछ धनराशि के निवेश के नाम पर धोखाधड़ी करके कार्य को अन्जाम दिया करते थे, तथा साथ ही हम लोगों को हमारे सीनियर जो कि दिल्ली में हैं उनके द्वारा यह भी निर्देश दिये गये थे कि हम लोग आपस में एक दूसरे के कार्य सम्बन्धी पूछताछ भी नहीं करेंगे ।
पकडे गये अभियुक्तगण आयुष्मान मल्होत्रा व अन्य से पूछताछ पर यह तथ्य प्रकाश में आये कि उनके मुख्य सहयोगी उनको जो डेटाबेस उपलब्ध कराते हैं जिस पर उनको एक निर्धारित लक्ष्य दिया जाता है जो कि उनको पूरा करना होता है जिस पर कार्य करने पर उनको एक निर्धारित वेतन व कमीशन दिया जाता है तथा अपने मुख्य सहयोगियों से वो लोग व्हाटसअप ग्रुप के माध्यम से जुडे हैं जिसके माध्यम से उनको डेटाबेस, स्क्रीप्ट व आडियो मिलते हैं कि उनको किस प्रकार से लोगों से वार्तालाप करनी है। अभियुक्तगणों से पूछताछ में कई करोड रुपयों की धनराशि का अवैध लेनदेन सम्बन्धी सुराग भी प्रकाश में आये हैं। जिसमें निकट भविष्य में दिल्ली में निवासरत घटना के अन्य़ मास्टरमाईन्डों द्वारा संचालित किये जा रहे गिरोह का भी भण्डाफोड़ हो सकता है। उपरोक्त घटना के सम्बन्ध में थाना वसन्त विहार पर मुकद्दमा विभिन्न धाराओं में पंजीकृत किया गया है।
अपराध का तरीका-
अभियुक्त गणों द्वारा उपलब्ध डेटाबेस के आधार पर संयुक्त राज्य अमेरिका में निवासरत सीनियर सिटीजन से फोन द्वारा यूएस इंग्लिश में वार्तालाप करके विश्वास में लेकर कोरोना काल में उनकी बीमा पालिसी पर स्कीम व बोनस का फर्जी लालच देकर उनसे धोखाधड़ी करना।
गिरफ्तार अभियुक्तगण-
1- दानिश अत्री पुत्र चन्दू अत्री उम्र 25 वर्ष
2-संदीप गुप्ता पुत्र रामनैन गुप्ता उम्र 22 वर्ष निवासी मंगोलपुरी नई दिल्ली
3-रचित विलफ्रिड पुत्र सुरक्षित रोनेन उम्र 26 वर्ष निवासी शनि मन्दिर कैनाल रोड देहरादून
4-नारायण अधिकारी पुत्र जग पाराशर अधिकारी उम्र 21 वर्ष निवासी सैक्टर 07 रोहिणी नई दिल्ली
5- आयुष्मान मल्होत्रा पुत्र अजय मल्होत्रा उम्र 27 वर्ष निवासी नई दिल्ली
बरामदगी–
1-21 कम्पयूटर मय सीपीयू
2-08 मोबाईल फोन
3- 01 आई पैड
4-1 WiFi
5- रुपये 4, 34, 000/- नकद
6-01 Fortuner Car
7-03 अदद घड़ी