अब वित्त मंत्रालय ने टैक्स पेयर्स को दी बड़ी खुशखबरी, पुराने टैक्स रिजीम से ITR पर मिलेंगी छूट…..
दिल्ली: वित्त मंत्री ने घोषणा की थी कि सरकार की तरफ से शुरू किया गया टैक्सेशन सिस्टम वित्तीय वर्ष 2023-24 से डिफॉल्ट होगा. न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) के तहत 7 लाख रुपये सालाना तक की आय पर आयकर से राहत देने की बात कही गई है.Income Tax Return Last Date: कंपनियों की तरफ से कर्मचारियों के फॉर्म 16 (Form-16) जारी कर दिये गए हैं. अब आपकी जिम्मेदारी है कि आप समय से अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर दें. आयकर विभाग की तरफ से आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है. इसके बाद रिटर्न फाइल करने पर आपको जुर्माना देना पड़ सकता है. अगर आप भी हर साल इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं तो यह खबर आपके लिए काम की साबित होगी।
7 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल 1 फरवरी 2023 को केंद्रीय बजट पेश करते हुए व्यक्तिगत आयकर में बदलाव का ऐलान किया था. वित्त मंत्री ने घोषणा की थी कि सरकार की तरफ से शुरू किया गया टैक्सेशन सिस्टम वित्तीय वर्ष 2023-24 से डिफॉल्ट होगा. न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) के तहत 7 लाख रुपये सालाना तक की आय पर आयकर से राहत देने की बात कही गई है. इसके अलावा न्यू टैक्स रिजीम सिलेक्ट करने वालों को 50000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन का भी फायदा मिलेगा.न्यू टैक्स रिजीम में किसी प्रकार के इनवेस्टमेंट पर छूट नहीं मिलती है. लेकिन यदि आपको इंवेस्टमेंट पर या अन्य प्रकार की छूट चाहिए तो आपको ओल्ड टैक्स रिजीम सिलेक्ट करना चाहिए और इसके हिसाब से ही टैक्स रिटर्न दाखिल करना चाहिए. आइए जानते हैं पुराने टैक्स रिजीम में मिलने वाली छह छूट के बारे में विस्तार से-
ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत मिलने वाली छूट-
1. स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत नौकरीपेशाा के लिए 50000 रुपये की छूट.
2. सेक्शन 80 सी के तहत ईपीएफ और पीपीएफ, ईएलएसएस, जीवन बीमा प्रीमियम, होम लोन रीपेमेंट, एसएसवाई, एनएससी और एससीएसएस में निवेश पर डेढ़ लाख तक की छूट.
3. सेक्शन 80टीटीए के तहत बैंक, सहकारी समिति या डाकघर के बचत खाते से ब्याज से होने वाली आमदनी पर अधिकतम 10,000 रुपये की छूट.
4. सेक्शन 80 सीसीडी (1बी): एनपीएस में 50,000 रुपये तक की जमा पर आयकर से छूट.
5. सेक्शन 80D के तहत हेल्थ इंश्यारेंस के प्रीमियम पर भी आयकर से छूट मिलती है.
6. सेक्शन 80G के तहत ट्रस्टों और धर्मार्थ संस्थाओं को दिया गया दान कटौती के योग्य है.