कभी भी हो सकता हैं मोदी मंत्रीमंडल में फेरबदल, इन बड़े नामों की हो सकती हैं छुट्टी……
दिल्ली: मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल की नई सूची कभी भी जारी हो सकती है. प्रधानमंत्री आवास में 29 जून को नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा के बीच चले 4 घंटे की मीटिंग के बाद से ही कैबिनेट विस्तार की अटकलें लग रही है. 2021 में आखिरी बार मोदी कैबिनेट में फेरबदल हुआ था. उस वक्त 43 मंत्रियों ने शपथ ली थी।
3 जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है. सियासी गलियारों में कहा जा रहा है कि इससे पहले 2 जुलाई को ही नए मंत्रियों का शपथ-ग्रहण हो सकता है. मोदी मंत्रिमंडल की संभावित तस्वीर और नामों को लेकर भी चर्चा जारी है. पिछले विस्तार में रविशंकर प्रसाद, हर्षवर्धन और प्रकाश जावेड़कर जैसे मंत्रियों को हटाया गया था. वहीं अनुराग ठाकुर, किरेन रिजीजू और पुरुषोत्तम रुपाला का प्रमोशन हुआ था।
जिन राज्यों में होंने हैँ चुनाव वहां कें सांसदों कों बनाया जा सकता हैँ मंत्री।
मांडविया, रूपाला और जरदौस पर संकट, पाटिल की एंट्री संभव
मोदी कैबिनेट विस्तार की क्रोनोलॉजी देखें तो इसमें एक चीज साफ है. विस्तार के बाद जिन राज्यों में चुनाव होने होते हैं, वहां के नेताओं को तरजीह मिलती है, जबकि चुनाव संपन्न राज्यों के मंत्रियों का पत्ता कटता है. पिछले विस्तार में गुजरात-यूपी को खास तवज्जो मिली थी।
गुजरात कें मंत्रियों की जा सकती हैँ कुर्सी।
ऐसे में इस संभावित फेरबदल में माना जा रहा है कि गुजरात कोटे के कुछ मंत्रियों को हटाया जा सकता है. वर्तमान में प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, मनसुख मांडविया, परषोत्तम रूपाला, दर्शना जरदोस, देवूसिंह चौहाण और महेन्द्र मुंजपरा मंत्री हैं।
गुजरात कोटे के मंत्रियों की अगर छंटनी होती है, तो मनसुख मांडविया, परषोत्तम रूपाला और दर्शना जरदोश की कुर्सी पर अधिक खतरा है. मांडविया के पास स्वास्थ्य, रूपाला के पास पशुपालन व डेयरी और जरदोश के पास रेलवे (राज्य मंत्री) विभाग है. मोदी कैबिनेट में पिछले 9 साल में 2 स्वास्थ्य मंत्री हटाए जा चुके हैं।
गोयल-प्रधान को संगठन में भेजे जाने की चर्चा।
कैबिनेट से पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान की भी रुखसती हो सकती है. सियासी गलियारों में दोनों को संगठन में भेजे जाने की चर्चा जोरों पर है. गोयल के पास खाद्य एवं आपूर्ति और प्रधान के पास शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी है।
पीयूष गोयल को अगर कैबिनेट से हटाया जाता है, तो उन्हें राजस्थान बीजेपी का प्रभार मिल सकता है. गोयल पिछले 15 दिन में 3 बार राजस्थान का दौरा कर चुके हैं. राजस्थान के प्रभारी अरुण सिंह के पास मुख्यालय का भी प्रभार है. जबकि शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान कों यूपी का बीजेपी प्रभारी बनाया जा सकता हैँ।