हिन्दू वैदिक पंचांग के अनुसार दिन गुरुवार से होगा शारदीय नवरात्र का आरम्भ, इस तरह करे पूजा, ये है महूर्त…..
हिन्दू वैदिक पंचांग के अनुसार अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्र आरम्भ होते हैं। इन्हें अश्विन नवरात्र भी कहा जाता है। नवरात्र के नौ दिन देवी मां की उपासना के लिए विशेष महत्व रखते हैं। जगत के कल्याण के लिए आदि शक्ति ने अपने तेज को नौ अलग-अलग रूपों में प्रकट किया था, जिन्हें नव दुर्गा कहा जाता है।
नवरात्र का समय मां दुर्गा के इन्हीं नौ रूपों की उपासना का होता है। माता की चुनरी से लेकर अखंड ज्योत में इस्तेमाल होने वाले तिल के तेल की कीमतें बढ़ गई हैं। पूजा पाठ के सामान के दाम पिछले साल की अपेक्षा 20 फीसदी तक बढ़ गए हैं। अन्य तेलों की तरह तिल के तेल में भी तेजी है। संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के अनुसार, इस बार शारदीय नवरात्र सात अक्तूबर से शुरू हो रहे हैं।
खास बात यह है कि चतुर्थी तिथि क्षय होने के कारण नवरात्र का एक दिन घट रहा है। इसलिए इस बार नवरात्र आठ दिन ही रहेंगे। नवरात्र के क्रम को देखें तो सात अक्तूबर प्रतिपदा को पहला नवरात्र होगा। इसी दिन घट स्थापना की जाएगी। इसके बाद आठ को द्वितीया, नौ को तृतीया और चतुर्थी एक साथ होंगी। 10 को पंचमी, 11 को षष्ठी, 12 को सप्तमी, 13 दुर्गाष्टमी और 14 अक्तूबर को महानवमी के साथ नवरात्र का समापन होगा।घट स्थापना का शुभ मुहुर्त।
इस बार घट स्थापना के लिए दो विशेष मुहूर्त हैं।
पहला मुहूर्त सात अक्तूबर की सुबह 6:17 से 7:44 के बीच है। इसके बाद सुबह 9:30 बजे से स्थिर लग्न का शुभ मुहूर्त शुरू हो जायेगा, जो 11:43 बजे तक रहेगा। इसलिए इस बार घट स्थापना के लिए सुबह 9:30 से 11:43 के बीच का समय भी श्रेष्ठ रहेगा।
पूजा पाठ का सामान भी महंगा
शारदीय नवरात्र की शुरुआत गुरुवार से हो रही है। बाजार भी नवरात्र के सामान से सज गया है। लेकिन माता की चुनरी से लेकर अखंड ज्योत में इस्तेमाल होने वाले तिल के तेल की कीमतें बढ़ गई हैं। पूजा पाठ के सामान के दाम पिछले साल की अपेक्षा 20 फीसदी तक बढ़ गए हैं। अन्य तेलों की तरह तिल के तेल में भी तेजी है।
प्रीमियम क्वालिटी का तेल 30 रुपये और हल्की क्वालिटी का तेल 20 रुपये महंगा हुआ है। हवन आदि में प्रयोग होने वाला कपूर 1500 रुपये किलोग्राम बिक रहा है। जबकि कपूर की 2 रुपये वाली टिक्की 5 रुपये की हो गई है। मां भगवती को चढ़ाई जाने वाली सुपारी 650 रुपये किलोग्राम बिक रही है। कपड़ा महंगा होने से माता के वस्त्र और चुनरी भी महंगी हो गई है।
लगभग दो महीने पहले काजू, बादाम, किशमिश की कीमतें काफी बढ़ चुकी थीं। बादाम तो 1000 रुपये पार हो गया था। जैन ट्रेडर्स के हिमांशु जैन बताते हैं कि वर्तमान में बादाम 680 रुपये प्रति किलोग्राम, किशमिश 250 रुपये और काजू 720 रुपये तक बिक रहे हैं। पूजा सामग्री के दाम बढ़ने से आम लोगों की जेब पर भी मार पड़ने वाली है।