उत्तराखंड में जाएगी IAS पूजा खेडकर की अफसरी? UPSC ने दर्ज कराई FIR, उम्मीदवारी रद्द करने का दिया नोटिस……
देहरादून: UPSC ने IAS पूजा खेडकर की सिविल सेवा परीक्षा 2022 से उनकी उम्मीदवारी क्यों न रद्द की जाए और भविष्य की परीक्षाओं से उन्हें क्यों न रोका जाए के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इसके अलावा उनके खिलाफ FIR भी दर्ज की गई है. आयोग ने बताया कि जांच में पता चला है कि फर्जी तरीके से अपनी पहचान बदलकर यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा दी. उन्होंने अपने नाम, पिता का नाम, मां का नाम, फोटो और साइन तक बदल डाले
महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की मुश्किलें बढ़ गई हैं. विवादों में घिरने के बाद संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने पूजा खेडकर के खिलाफ FIR दर्ज करा दी है. इसके अलावा सिविल सेवा परीक्षा 2022 से उनकी उम्मीदवारी क्यों न रद्द की जाए और भविष्य की परीक्षाओं से उन्हें क्यों न रोका जाए के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर के खिलाफ FIR दर्ज की।
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने आईएएस अधिकारी पूजा खेड़कर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. जालसाजी, धोखाधड़ी, आईटी एक्ट और दिव्यांगता अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को आईएएस ऑफिसर के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद मामला दर्ज कर लिया गया है.
यूपीएससी ने ट्रेनी IAS से पूछा- क्यों न रद्द की जाए आपकी उम्मीदवारी
आयोग (UPSC) ने नोटिस जारी कर पूजा खेडकर से जवाब मांगा है कि आपकी उम्मीदवारी क्यों न रद्द की जाए और आगामी यूपीएससी की परीक्षाओं से वंचित क्यों न रखा जाए. यूपीएससी की ओर से कहा गया है, ‘पूजा खेडकर के खिलाफ विस्तृत जांच कराई गई है. इसमें पता चला है कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा 2022 में नियमों का उल्लघंन किया था. उनकी परीक्षा में बैठने की लिमिट पूरी हो गई थी. इसके बाद उन्होंने फर्जी तरीके से अपनी पहचान बदलकर यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा दी. उन्होंने अपने नाम, पिता का नाम, मां का नाम, फोटो और साइन तक बदल डाले. इसके अलावा मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और पता भी बदला. गलत तरीके से नई पहचान बनाने की वजह से उन्हें लिमिट से ज्यादा बार परीक्षा में बैठने का मौका मिला
आयोग ने आगे कहा, ‘इसलिए, यूपीएससी ने उनके खिलाफ पुलिस अधिकारियों के पास प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करके आपराधिक मुकदमा चलाने सहित कई कार्रवाई शुरू की है और “सिविल सेवा परीक्षा-2022 के नियमों के अनुसार, सिविल सेवा परीक्षा-2022 की उनकी उम्मीदवारी रद्द करने/भविष्य की परीक्षाओं/चयनों से वंचित करने के लिए कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया है.”
कभी डॉ. खेडकर पूजा दिलीप तो कभी मिस पूजा मनोरमा… कई बार बदले नाम।
सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल एप्लीकेशन फॉर्म 2020 और 2023 में पूजा के नाम व उम्र में अंतर नजर आए. 2020 में आवेदन के समय डॉ. पूजा दिलीपराव और उम्र 30 वर्ष लिखी. इसके बाद 2023 के आवेदन में अपना नाम बदलकर मिस पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर कर लिया और उम्र 31 वर्ष बताई. 2020 में पूजा ने पहले अपने नाम के साथ पिता का नाम दिलीप राव जोड़कर लिखा, जबकि 2023 में पिता नाम हटाया और माता का नाम मनोरमा जोड़कर मिस पूजा मनोरमा लिखा. उन्होंने अपने नाम से डॉ. का टाइटल भी हटा लिया. वहीं यूपीएससी की FIR में उनका नाम मिस पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर बताया गया है. आयोग ने अपनी एफआईआर में यूपीएससी 2022 की उम्मीदवार मिस पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर की जांच गई है.
हम भरोसा बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं: UPSC
आयोग की ओर से जारी बयान में आगे यह भी गया है कि जांच के बाद हमने पूजा खेडकर के खिलाफ FIR दर्ज कराई है. हम संवैधानिक संस्थान हैं और नियमों का पालन करना या कराना हमारी जिम्मेदारी है. हमने साफ किया है कि परीक्षा में किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो और अगर कोई गड़बड़ी करे तो उस पर एक्शन लिया जाए. यूपीएससी ने कहा कि उम्मीदवारों को हम पर भरोसा होता है. हमने यह भरोसा अर्जित किया है. हम लोगों का भरोसा बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और उससे किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा.
ट्रेनिंग प्रोग्राम भी रद्द।
इससे पहले उनका ट्रेनिंग प्रोग्राम भी रद्द कर दिया गया था. उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एडमिनिस्ट्रेशन एकेडमी ने पूजा खेडकर का महाराष्ट्र से ट्रेनिंग प्रोग्राम रद्द करके एकेडमी ने उन्हें तत्काल वापस बुलाने के लिए लेटर भी जारी किया था. इसके अलावा एकेडमी ने महाराष्ट्र सरकार को भी इस संबंध में पत्र लिखकर जानकारी दी थी.
LBSNAA द्वारा पूजा खेडकर को जारी आदेश में कहा गया है, “आपके जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम को स्थगित रखने और आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए आपको तुरंत वापस बुलाने का निर्णय लिया है. अतः आपको महाराष्ट्र राज्य सरकार के जिला ट्रेनिंग प्रोग्राम से मुक्त किया जाता है. आपको जल्द से जल्द एकेडमी में शामिल होने का निर्देश दिया जाता है, लेकिन 23 जुलाई, 2024 के बाद किसी भी परिस्थिति में नहीं.”
दरअसल, पूजा खेडकर के दस्तावेजों से पता चलता है कि उन्होंने 2020 और फिर 2023 में केंद्रीय अपीलीय ट्रिब्यूनल को दी गई डिटेल्स में तीन साल के अंतराल के बजाय सिर्फ एक साल आयु बढ़ना दिखाया गया है. हालांकि, खेडकर ने अपनी बेंचमार्क डिसेबिलिटी साबित करने के लिए कोई टेस्ट नहीं कराया. यूपीएससी ने उनके चयन को केंद्रीय अपीलीय न्यायाधिकरण (कैट) में चुनौती दी थी, जिसने फरवरी 2023 में उनके खिलाफ फैसला सुनाया था. खेडकर ने 2020 और 2023 के कैट आवेदन फॉर्म में खुद के लिए बेंचमार्क दिव्यांगता वाले व्यक्तियों के लिए ऊपरी आयु सीमा में छूट मांगी थी.
पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने दृष्टिबाधित और मानसिक रूप से बीमार होने का प्रमाण पत्र जमा करके यूपीएससी परीक्षा में हिस्सा लिया था. उसके आधार पर विशेष रियायतें पाकर वो आईएएस बनीं. यदि उन्हें यह रियायत नहीं मिलती तो उनके लिए प्राप्त अंकों के आधार पर आईएएस पद प्राप्त करना असंभव होता. पूजा पर आरोप है कि चयन के बाद पूजा को मेडिकल जांच से गुजरना था, लेकिन उन्होंने इसे टाल दिया. उन्होंने विभिन्न कारणों से छह बार मेडिकल परीक्षण से इनकार कर दिया. बाद में बाहरी मेडिकल एजेंसी से एमआरआई रिपोर्ट जमा करने का विकल्प चुना, जिसे यूपीएससी ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया. हालांकि बाद में यूपीएससी ने इस रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया. इसके चलते सरकार से इसकी जांच की मांग की जा रही है।