उत्तराखंड में शासन ने मंगाई चिकित्सकों की लिस्ट, जानिए क्यों…..
- देहरादून : एक ओर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी महसूस की जा रही है, तो दूसरी तरफ स्वास्थ्य महकमें में स्वास्थ्य महानिदेशालय से लेकर सीएमओ कार्यालय तक तमाम प्रशासनिक पदों पर विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात हैं, जिनकी सेवाएं अस्पतालों में ली जा सकती हैं।
इसे देखते हुए शासन ऐसे चिकित्सकों की सूची तलब कर रहा है ताकि जरूरत पड़ने पर इन्हें चिकित्सालयों में तैनाती दी जा सके।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए सरकार इससे निपटने की तैयारियों में जुटी हुई है। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का असर सबसे अधिक युवाओं में होने की आशंका जताई जा रही है। इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की जरूरत महसूस की जा रही है।
दरअसल, देखा जाए तो उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद से अब तक विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी पूरी नहीं हो पाई है। राज्य में विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए स्वीकृत 1144 पदों के सापेक्ष केवल 493 विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात हैं। यानी, चिकित्सकों के 654 पद अभी भी खाली हैं। विभाग के पास सीमित संख्या में जो विशेषज्ञ चिकित्सक हैं, उनमें से भी अधिसंख्य मैदानी जिलों में तैनात हैं।
अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि देहरादून में जहां 92 फीसद विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात हैं, तो वहीं टिहरी में इनकी संख्या मात्र 13 फीसद पर ही सिमटी हुई है। इनमें से भी बड़ी संख्या में चिकित्सक प्रशासनिक पदों पर तैनात हैं। इनमें बाल रोग विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ, रेडियोलाजिस्ट, एनिस्थिसिस्ट आदि शामिल हैं।