उत्तराखंड के दून मेडिकल कॉलेज में रैगिंग की नहीं हुई पुष्टि, लेकिन 5 छात्रों को होस्टल से किया गया निष्कासित, छात्र छात्राएं भड़के…

देहरादून : राजकीय दून मेडिकल कॉलेज पटेलनगर में रैगिंग की पुष्टि तो नहीं हुई है, लेकिन शुल्क बढ़ोतरी के खिलाफ धरने में शामिल एमबीबीएस के पांच छात्रों को छात्रावास से निष्कासित कर दिया गया है। कॉलेज प्रशासन की ओर से छात्रों के अभिभावकों को भी इस बारे में लिखित सूचना भेज दी गई है।

प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस का शुल्क घटाने की मांग को लेकर वर्ष 2019 और 2020 बैच के छात्र पिछले 28 अगस्त से कॉलेज में सांकेतिक धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों के आंदोलन के बीच एक हफ्ते पहले कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना को किसी ने रैगिंग संबंधी गुमनाम पत्र लिखा। पत्र में यह भी शिकायत थी कि कुछ वरिष्ठ छात्रों द्वारा जूनियर छात्रों को जबरन धरना-प्रदर्शन में शामिल होने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। प्राचार्य ने कमेटी गठित कर गोपनीय स्तर पर जांच कराई।

किसी भी जूनियर छात्र ने कमेटी सदस्यों के समक्ष लिखित या मौखिक किसी भी तरह से रैगिंग की बात नहीं कही। कॉलेज प्रशासन का दावा है कि अब तक की जांच में रैगिंग की पुष्टि नहीं हुई है।कॉलेज प्रशासन ने अचानक 2019 बैच के पांच छात्रों को छात्रावास से निकालने का नोटिस जारी कर दिया।

नोटिस में कहा गया है कि इन छात्रों द्वारा लगातार चेतावनी पत्रों के बावजूद कॉलेज परिसर में संकाय सदस्यों के आदेशों की अवहेलना करने, सुरक्षाकर्मियों के साथ असभ्य व्यवहार, जूनियर छात्रों को जबरन धरना प्रदर्शन के लिए उकसाने और मीडिया में कॉलेज के खिलाफ अनावश्यक रूप से माहौल बनाया जा रहा है। कॉलेज अनुशासन समिति ने इसे गंभीरता से लेते हुए पांच छात्रों को छात्रावास से निष्कासित करने का निर्णय लिया है।

पांच छात्रों के छात्रावास से निष्कासन का पता लगते ही एमबीबीएस वर्ष 2019 और 2020 बैच के अन्य छात्र-छात्राओं में आक्रोश फैल गया। रविवार को सुबह आठ बजे से अन्य छात्र-छात्राओं ने भी कॉलेज परिसर में एकेडमिक ब्लॉक के सामने धरना शुरू कर दिया। छात्रों का कहना था कि शुल्क कम करने का मामला सभी छात्र-छात्राओं का है। सभी सांकेतिक धरना दे रहे थे। फिर पांच छात्रों पर ही यह कार्रवाई क्यों की गई है।

उन्होंने मांग रखी कि निष्कासन तुरंत वापस लिया जाए या सभी छात्र-छात्राओं को छात्रावास से निष्कासित कर दिया जाए। चीफ वार्डन के समझाने और प्राचार्य के समक्ष उनकी बात रखने पर दोपहर बारह बजे छात्र-छात्राओं ने धरना समाप्त किया। चेेतावनी दी है कि अगर निष्कासन वापस नहीं हुआ तो आंदोलन जारी रहेगा।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *