उत्तराखंड में यहाँ पकड़ा गया नकली दवाओं का जखीरा, अफसरों पर भी सवाल, क्यों गोरखधंधा समाप्त नहीं हो रहा….
रुड़की : रुड़की नकली दवाओं का गढ़ बनता जा रहा है। कभी यहां नकली दवा की फैक्टरियां पकड़ी जाती हैं तो कभी मेडिकल स्टोर से नकली दवाएं पकड़ी जा रही हैं। बड़ा सवाल यह कि रुड़की शहर में अलग से ड्रग इंस्पेक्टर की तैनाती के बावजूद नकली दवाओं का ये खेल रुकने का नाम नहीं ले रहा। ऐसे में तमाम सवाल इस महकमे में बैठे अफसरों पर भी उठने लाजिमी हैं कि क्यूं आखिर बार बार नकली दवाएं पकड़े जाने के बावजूद इस गोरखधंधे पर पूरी तरह से नकेल कसी जा रही है।
जाहिर है कि सिस्टम में खुले छोड़े गए छेदों का लाभ उठाकर दवा माफिया अपने मंसूबों में कामयाब होता जा रहा है। रुड़की को इस समय देश भर के राज्यों में नकली दवा का सबसे महफूज स्थान माने जाने लगा है। ये हाल तब है कि जब खुद शाशन समय समय पर रुड़की को लेकर विशेष दिशा निर्देश देता रहता है।
ताजा जानकारी के अनुसार एक कोरियर ऑफिस से ड्रग इंस्पेक्टर ने छापेमारी कर लाखों रुपए की दवाइयों का जखीरा पकड़ा है। पकड़ी गई दवाइयां नकली हैं जो रुड़की से इलाहाबाद भेजी जा रही थीं। दवाइयां कहाँ से बनकर आई हैं इसकी जांच की जा रही है। दवाईयों के डब्बों पर मैन्युफैक्चरिंग स्थान काशीपुर लिखा है।
सूचना मिली थी कि रुड़की के ममलवीय चौक स्थित एक कोरियर ऑफिस से नकली दवाइयों का जखीरा कहीं बाहर भेजा जाएगा। सूचना पर ड्रग इंस्पेक्टर ने मालवीय चौक के पास टीम के साथ पहुंचे थोड़ी ही देर में एक रिक्शे में दवाइयों की तीन पेटियां आई। टीम ने रिक्शे को रोका तो रिक्शा चालक ने बताया कि किसी प्रवीण त्यागी नाम के व्यक्ति द्वारा दवाइयां भेजी गयी है।
जांच करने पर पता लगा कि दवाइयों को रुड़की से इलाहाबाद के लिए बुक किया गया था। बरामद हुई तीन पेटियों में करीब 11 लाख से अधिक कीमत की एंटीबायोटिक दवाइयां बरामद हुई हैं। जांच करने पर पता लगा कि दवाइयां नकली हैं दवाइयां कहाँ बनाई जा रही है इसकी पुख्ता जानकारी नही मिली है, वहीं दवाइयों के डब्बो पर काशीपुर से मैन्युफैक्चरिंग का पता छपा हुआ है।