जरा सावधान : WHO ने भारत को लेकर फिर चेतावनी की जारी , बच्चों और किशोरों में कोरोना के बढ़ रहे मामले….
दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस के नए मामलों का आंकड़ा भले ही लगातार नीचे जा रहा है। लेकिन खतरा कम नही हुआ है। स्कूल खुलने से बच्चों के संक्रमित होने की खबरे आ रही है तो वहीं कॉलेजों में भी विद्यार्थी संक्रमित पाए जा रहे हैं। महामारी का प्रकोप घटता देख लोगों की लापरवाही बढ़ रही है और एक्सपर्ट्स की चिंता भी। इस सप्ताह विश्व स्वास्थ्य संगठन ( डब्ल्यूएचओ ) द्वारा किए गए एक अध्ययन में भारत में 0-19 आयु वर्ग के बच्चों में उच्च कोविड- 19 दर पाई गई
जोकि देश के लिए एक चिंता का कारण है। वहीं इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने ताजा चेतावनी में इसी संबंध में एक आशंका जाहिर की है।फरवरी-मार्च में और ऊंची होगी पीक?
डब्ल्यूएचओ ने कहा , ” 9500 कोविड- 19 रोगियों से वायरल जीनोमिक अनुक्रमों का उपयोग किया गया , अध्ययन में कम आयु वर्ग ( 0-19 वर्ष ) और महिलाओं में संक्रमण की संख्या में वृद्धि देखी गई है । संक्रमण और रोगसूचक बीमारी / अस्पताल में भर्ती होने के लिए कम औसत आयु , उच्च मृत्यु दर और गैर – वेरिएंट बी . 1 ) संस्करण की तुलना में डेल्टा वेरिएंट के साथ टीकाकरण बाद संक्रमण की अधिक लगातार घटनाएं सामने आई हैं
ICMR और लंदन के इम्पीरियल कॉलेज के रिसर्चर्स की एक स्टडी के मुताबिक, ‘रिवेंज ट्रेवल’ से भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर की स्थिति और खराब हो सकती है। स्टडी में कहा गया कि अगले साल फरवरी और मार्च के बीच ऊंची पीक देखने को मिल सकती है। रिवेंज ट्रेवल यानी पिछले डेढ़ साल से घरों में बंद लोग अब मौके का फायदा उठाना चाहते हैं। फ्लाइट्स और होटल बुक कराए जा चुके हैं। भारी संख्या में पर्यटकों की आमद वायरस को फैलने में मदद कर सकती है। ICMR ने कहा कि पर्यटकों के अलावा स्थानीय निवासियों और अथॉरिटीज को भी जिम्मेदारी समझनी होगी।