RBI ने इस माह रद्द किया इन दो बैंकों का लाइसेंस! पढ़िए विस्तार से……..

ब्यूरो रिपोर्ट भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महाराष्ट्र की के बैंकों के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं, इनमें सेेे एक कोल्हापुर की सुभद्रा लोकल एरिया बैंक है। मामले में बैंकिंग क्षेत्र के नियामक ने कहा कि यह बैंक जिस तरीके से काम कर रहा था, उससे मौजूदा और भविष्य के जमाकर्ताओं के हितों को नुकसान पहुंच सकता था, जिसकी वजह से यह फैसला लिया गया।
इस संदर्भ में आरबीआई ने एक बयान में कहा कि बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 की दो तिमाहियों में न्यूनतम नेटवर्थ की शर्त का उल्लंघन किया है। हालांकि सुभद्रा लोकल एरिया बैंक के पास जमाकर्ताओं का पैसा लौटाने के लिए पर्याप्त नकदी है।
दरअसल केंद्रीय बैंक ने कहा कि, ‘जिस तरीके से बैंक काम कर रहा था, अगर उसे उसी तरीके से उसके परिचालन की अनुमति दी जाती, तो जन हित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता था। मौजूदा समय में और भविष्य में प्रबंधन की काम करने की प्रकृति जमाकर्ताओं के हितों को नुकसान पहुंचाने वाली थी।
सुभद्रा लोकल एरिया बेंक को दिया गया लाइसेंस 24 दिसंबर 2020 को बैंक कारोबार बंद होने के बाद से रद्द किया जा रहा है। इससे वह कोई भी बैंकिंग गतिविधियां नहीं कर पाएगा। आरबीआई बैंक के परिसमापन के लिए उच्च न्यायालय के समक्ष आवेदन देगा।’
रिजर्व बैंक ने दिसंबर में महाराष्ट्र स्थित कराड जनता सहकारी बैंक लिमिटेड का लाइसेंस भी रद्द कर दिया था। तब रिजर्व बैंक ने कहा था कि पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावना नहीं होने के कारण यह कार्रवाई की गई है। रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि बैंक के जमाकर्ताओं में से 99 फीसदी से अधिक को जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम से उनका पूरा भुगतान मिलेगा। लाइसेंस रद्द करने और परिसमापन कार्रवाई शुरू होने के साथ दी कराड जनता सहकारी बैंक के जमाकर्ताओं को भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
परिसमापन होने पर हर जमाकर्ता को सामान्य बीमा नियमों व शर्तों के अनुसार बीमा एवं ऋण गारंटी निगम से पांच लाख रुपये तक का जमा वापस मिलेगा। रिजर्व बैंक ने कहा कि लाइसेंस रद्द हो जाने के चलते कराड जनता सहकारी बैंक व्यवसाय नहीं कर पाएगा। इसका अर्थ हुआ कि अब कराड जनता सहकारी बैंक ग्राहकों का जमा या जमा का पुनर्भुगतान नहीं कर सकेगा। महाराष्ट्र के सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार और सहकारिता आयुक्त से भी अनुरोध किया गया है कि वे बैंक को बंद करने और एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करें