उत्तराखंड में 10 साल बाद ऊर्जा विभाग में हुई इस इंटरनल परीक्षा पर उठ गए सवाल, ऊर्जा कर्मियों ने परीक्षा रद्द करने की मांग की…
देहरादून : आज दिनांक को आखिरकार 10 वर्षो से बहुप्रतीक्षित परिचालकीय वर्ग से अवर अभियंता पद पर पदोन्नति परीक्षा GRD अकेडमी राजपुर रोड , देहरादून पर सम्पन्न हुई। जिसमें गढ़वाल और हरिद्वार जोन के लगभग 160 परीक्षार्थियों ने भाग लिया।कॅरोना का हवाला देकर social distancing की धज्जियां उड़ाते हुए online परीक्षा सम्पन्न हुई।
न्यूनतम हाई स्कूल पास अभ्यर्थियों के लिए online परीक्षा देना बहुत दुष्कर कार्य था। इसके बावजूद भी कई बर्षो से पदोन्नति की बाट जोह रहे कर्मचारियों में बहुत उत्साह था। देहरादून और हल्द्वानी 2 परीक्षा केंद्र बनाए गए। देहरादून केंद्र में भारी वर्षा के बावजूद उत्तरकाशी, चमोली से हरिद्वार ,रुड़की तक से आये कर्मचारी बहुत उत्साहित थे। जैसे ही online परीक्षा का लिंक खुला तो प्रश्न पत्र देखकर अभ्यर्थियों के होश फाख्ता हो गए। हिंदी भाषा का प्रश्नपत्र NET leval का , GK का PSC leval का , कम्प्यूटर प्रोफिशिएंसी का कंप्यूटर science और इलेक्ट्रिक एवं मेकेनिकल का B.Tec leval के 200 प्रश्न हल करते करते अभ्यर्थियों का पसीना निकल गया। यह परीक्षा 226 पद पर आयोजित हुई जिसमें लगभग 200 अभ्यर्थी भाग ले रहे हैं, जिनमे से अधिकांश 10 बर्षो के अधिक समय से प्रभारी अवर अभियंता पद पर अपने कार्यों का कुशलता से निर्वहन कर रहे हैं।
इन लोगो को तो अभी तक वरिष्ठता से ही पदोन्नत हो जाना चाहिए था किंतु नियमावली का हवाला देकर और कर्मचारी संगठनों के प्रयासों और माननीय हाईकोर्ट के आदेश के तहत यह परीक्षा करवाई गई। किन्तु परीक्षा सम्पन्न होने के पश्चात भी लगता नही कि सेवानिवृति की कगार पर पहुंच चुके कर्मचारियों की पदोन्नति की राह इतनी आसान होगी।
संगठन निगम प्रबंधन से मांग करता है कि इस पदोन्नति परीक्षा को रद्द कर संबंधित एजेंसी के खिलाफ कार्यवाही करें और संगठन को बताए कि इस परीक्षा पर कितना व्यय किया गया। इसके साथ ही मानव संसाधन विंग का कर्मचारियों के विरुद्ध किये गए मज़ाक का भी संगठन पुरजोर भर्त्सना करता है। संगठन मांग करता है कि शीघ्र ही नियमावली में संशोधन कर UJVNL की भांति वरिष्ठता से पदोन्नति कर धन और समय के अपव्यय पर रोक लगाई जाकर कर्मचारियों के रोष को कम किया जाए।