15 के बाद फिर मिलेंगे गृह मंत्री अमित शाह से पूर्व सीएम त्रिवेंद्र, चर्चा तो बहुत है लेकिन क्या सच मे पार्टी देगी उन्हें यूपी का प्रभार ?
दिल्ली : उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सियासी तजुबे का इस्तेमाल भाजपा अब संगठन में करने की तैयारी में है। अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उन्हें बतौर चुनाव प्रभारी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
त्रिवेंद्र पहले भी उत्तर प्रदेश में चुनाव सह प्रभारी की भूमिका निभा चुके हैं। बीते रोज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनकी मुलाकात के बाद इस तरह की चर्चाओं को बल मिला है।
मार्च 2017 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने त्रिवेंद्र सिंह रावत को इसी मार्च में अपना चार साल का कार्यकाल पूर्ण होने से कुछ ही दिन पहले पद छोड़ना पड़ा था। इसके बाद से ही माना जा रहा था कि भाजपा उनका उपयोग केंद्रीय संगठन में कर सकती है।
पिछले दिनों केंद्रीय मंत्रिमंडल के फेरबदल से ठीक पहले सियासी गलियारों में यह चर्चा भी रही कि केंद्र में मंत्री बनाकर भाजपा मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की उनकी कसक को दूर कर सकती है। हालांकि, ऐसा हुआ नहीं और उत्तराखंड से नैनीताल के सांसद अजय भट्ट को टीम मोदी में शामिल होने का अवसर मिल गया।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का मौका न मिलने पर माना गया कि पार्टी उनके तजुर्बे को देखते हुए उन्हें संगठन में कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे सकती है। नई दिल्ली में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भेंट की। हालांकि, त्रिवेंद्र ने इन्हें महज शिष्टाचार भेंट ही बताया। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री ने उनसे राज्य के राजनीतिक हालात और अन्य विषयों की जानकारी ली। बकौल त्रिवेंद्र, अमित शाह ने उन्हें 15 अगस्त के बाद फिर दिल्ली आने को कहा है।
इन मुलाकातों के बाद इस तरह की चर्चाएं जोर पकड़ गई कि भाजपा उन्हें संगठन में अहम दायित्व सौंपने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक त्रिवेंद्र को उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी दी जा सकती है। त्रिवेंद्र झारखंड में भी प्रदेश प्रभारी की भूमिका निभा चुके हैं। 15 अगस्त के बाद फिर अमित शाह से भेंट को इसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है।