*किशमिश बहुत उपयोगी ड्राई फ्रूट*
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किशमिश हृदय शक्तिवर्धक, रक्तवर्धक है और अंडकोष वृद्धि होने पर, चेचक, खसरा, चिकेन पोक्स होने पर, पागलपन, दांत और मसूढ़े के रोगो में, छाले होने पर और दिमाग के लिए बहुत लाभदायक हैं। ये बच्चो के बहुत उपयोगी हैं। किशमिश सूखे हुए अंगूर का दूसरा रूप हैं। इसमें अंगूर के सारे गुण विध्यमान होते हैं। किशमिश लाल और काली दो तरह की होती हैं। किशमिश हल्की, सुपाच्य, खांसी, जुकाम और पीलिया दूर करती हैं। इसमें दूध के सभी तत्व मौजूद होते हैं। दूध के अभाव में इसका उपयोग किया जा सकता हैं। यह दूध से जल्दी पचती हैं।
*दिमाग के पोषण के लिए*
25 ग्राम किशमिश में लगभग 78 कैलोरीज़ और 0.83 ग्राम प्रोटीन होता हैं। इसमें ऐसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो मस्तिष्क कोशिकाओ को किसी भी तरह की हानि से बचाये रखते हैं। मस्तिष्क को सबसे ज़्यादा ऑक्सीजन की आवश्यकता होती हैं। इसकी कमी से वह किसी भी तरह की हानि का शिकार हो सकता हैं। ऐसे में किशमिश दिमाग को बचाये रखती हैं।
*बच्चो का पौष्टिक नाश्ता*
बच्चों के नाश्ते में किशमिश को शामिल करें। उन्हें रात को भिगोकर सुबह भी खाने को दे सकते हैं। किशमिश पौष्टिक, रोगनाशक भोजन हैं।
*पागलपन*
हरी किशमिश के 40 दाने धोकर सो ग्राम अर्क गुलाब में रात भर भिगोएं रखें। प्रात: किशमिश निकाल कर खा लें और ऊपर से गुलाब के अर्क में स्वादानुसार चीनी मिलाकर पीसें। 21 दिन लेने से पागलपन जैसी बीमारी में बहुत ज़्यादा लाभ होता हैं।
*हृदय शक्तिवर्धक*
30 किशमिश धोकर मिटटी के सिकोरे में एक कप पानी में डाल दें। इसमें चने की दाल के बराबर केसर डाल दें। रात को इन सबको भिगों दें। पतले कपडे से सिकोरे का मुंह बांधकर खुले स्थान पर रख दें। सुबह पानी छानकर किशमिश खाकर यह पानी पियें। इस तरह दस दिन सेवन करें। हृदय को अपार शक्ति मिलेगी।
*रक्तवर्धक*
30 किशमिश धोकर 250 ग्राम दूध में उबालकर नित्य रात को सोते समय सेवन करने से रक्त बढ़ता हैं। पाचन – शक्ति, यकृत को बल मिलता हैं। रक्तचाप कम हो या अधिक, ठीक हो जाता हैं।
*अंडकोष वृद्धि*
अंडकोष में पानी भरकर यदि वे फूल जाएँ तो नित्य किशमिश खाने से लाभ होता हैं।
*चेचक, खसरा, चिकेन पोक्स*
चेचक, खसरा, चिकेन पोक्स होने पर 25 किशमिश एक कप दूध या पानी में उबाल कर किशमिश खाएं तथा पानी पियें। लाभ होगा। मुंह में खुश्की आने पर किशमिश खाएं। इन रोगो से बचाव के लिए सूखा नारियल नित्य खाएं।
*दांत और मसूढ़े*
किशमिश में ऐसे फाइटो केमिकल्स पाये जाते हैं जो दाँतो और मसूढ़ों को ख़राब करने वाले कीटाणुओं को बढ़ने से रोकते हैं और नष्ट करते हैं। किशमिश में पाये जाने वाले फाइटो केमिकल्स कैविटी और मसूढ़े के रोगों के लिए जिम्मेदार जीवाणुओं को नष्ट कर देते हैं। किशमिश के मिठास से कैविटी (दाँतो में छेद) नहीं होते हैं।
*छाले*
20 किशमिश धोकर उनमें चार कालीमिर्च मिलाकर नित्य इसी प्रकार चार दिन तक खाएं। छाले ठीक हो जायेंगे।