उत्तराखंड में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ पर देवभूमि उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी से देश-दुनिया को योग का संदेश दिया जाएगाउत्तराखंड साहसिक गतिविधियाँ…….
देहरादून: आमतौर पर विधानसभा सत्र के दौरान ही गुलजार रहने वाले भराड़ीसैंण में आगामी 21 जून को भी चहल-पहल रहेगी। ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ पर देवभूमि उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी से देश-दुनिया को योग का संदेश दिया जाएगा।
समुद्र तल से 2390 मीटर की ऊंचाई पर स्थित भराड़ीसैंण जैसे शांत स्थल योग के लिए मुफीद समझे जाते हैं। विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री Pushkar Singh Dhami समेत 8 देशों के राजदूत लगभग 150 साधकों के साथ योग अभ्यास करेंगे।
दरअसल, भारत में योग का इतिहास हजारों साल पुराना है। हमारे ऋषियों-मुनियों का पूरा जीवन ही योगमय रहा है। भारत में योग की परंपरा उतनी ही पुरानी है जितनी कि भारतीय संस्कृति। मानसिक, शारीरिक एवं अध्यात्म के रूप में लोग प्राचीन काल से ही इसका अभ्यास करते आ रहे हैं। योग की उत्पत्ति सर्वप्रथम भारत में ही हुई थी इसके बाद यह दुनिया के अन्य देशों में लोकप्रिय हुआ। यूं समझ लीजिए की भारतीय जीवन में योग की साधना हर काल में होती आई है। योगासन, शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ावा देने के साथ मन को शांत करते हैं। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए योगासनों का नियमित अभ्यास काफी मददगार हो सकता है। योग का अभ्यास शरीर, श्वास और मन को जोड़ता है। योग की बात होती है तो महर्षि पतंजलि का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। क्योंकि पतंजलि ही पहले और एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने योग को आस्था, अंधविश्वास और धर्म से बाहर निकालकर एक सुव्यवस्थित रूप दिया था।
योग निश्चित ही विश्व को भारत की अमूल्य देन है। योग के महत्व को समझते हुए प्रधानमंत्री Narendra Modi ने 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान विश्व समुदाय से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की पहल की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है। उनकी पहल पर ही संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की मान्यता दी। आज विश्व के तकरीबन 177 देश योग को अपना चुके हैं।
इधर, उत्तराखण्ड की धामी सरकार योग को बढ़ावा देने की दिशा में लगातार कदम बढ़ा रही है। योग के लिए देवभूमि के पर्वतीय क्षेत्रों के शांत वातावरण को सर्वथा अनुकूल माना जाता है। इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को व्यापक स्तर पर मनाने की तैयार की जा रही है। इस वर्ष मुख्य कार्यक्रम भराड़ीसैंण विधानसभा परिसर में आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन में मुख्यमंत्री धामी समेत विभिन्न देशों के राजदूत सम्मिलित होंगे। साथ ही प्रदेश भर से एक हजार से अधिक साधक इस कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे।
वास्तव में योग दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है। मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य का आधार है। हमारी बदलती जीवनशैली में योग चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी मदद कर सकता है।