उत्तराखंड में देहरादून के इन इलाकों की बदलेंगी सूरत, देखिए ऐसे बनेगा घंटाघर…….

देहरादून: 2 महीनों की जद्दोजहद उपरांत डीएम ने जुटा ली 10 करोड़ की धनराशि,दिलाराम,कुठालगेट साईं मंदिर जंक्शन, घंटाघर है शामिल। लगेंगी 10 नई ट्रैफ़िक लाइट,आईएसबीटी flooding का permanent निदान। एक head से दूसरे head; उच्च स्तरीय consent; presentation; note sheets, के सभी पड़ाव किए पार।

सभी का टेंडर एकमुश्त जारी।
आईएसबीटी चौक ड्रेनेज सिस्टम का होगा स्थायी समाधान। राजधानी जिलाधिकारी सविन बसंल देहरादून शहर मुख्य चौक चौराहे/ स्थल को पौराणिक धरोहर से सौंदर्यकृत करने एवं जनमानस को सुगम सुरक्षित सड़क सुविधा मुहैया कराने में हर स्तर पर तेजी से कार्य करवाते हुए एक के बाद एक अभिनव कार्य कर रहे हैं।

डीएम ने महीनों की जद्दोजहद उपरांत दिलाराम,कुठालगेट साईं मंदिर जंक्शन, घंटाघर के नव निर्माण सौंदर्यीकरण कार्यो हेतु 10 करोड़ की धनराशि जुटाते हुए। साथ एकमुश्त सभी कार्यों के टेंडर जारी कर दिए हैं।

जनपद में सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत निरंतर सुधारीकरण कार्य गतिमान है। जिलाधिकारी ने साईं मंदिर जंक्शन, कुठालगेट चौक, घंटाघर का सौंदर्यीकरण और दिलाराम चौक पर सांस्कृतिक दीवार, 11 जंक्शनों पर ट्रैफिक जंक्शन लाइटों की एसआईटीसी तथा आईएसबीटी चौक से आउटफॉल तक ड्रेनेज सिस्टम का निर्माण और मौजूदा नाले की सफाई हेतु स्मार्ट सिटी से बजट का प्रबन्धन किया है इन कार्याें हेतु विधिवत टैण्डर जारी कर लिए गए हैं। इस सभी कार्याें की टैण्डर प्रक्रिया में एक वर्ष का रखरखाव शामिल है, (जिसे 3 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है)।

हार्ट ऑफ द सिटी में मुख्य जगह साई मंदिर, जंक्शन, कुठाल गेट पर स्थानीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार के साथ ही दुर्घटनाओं पर नियंत्रण हेतु व्यापक योजना तैयार की गई है। राज्य की संस्कृति को प्रदर्शित करते हुई कला के माध्यम से चौराहों का सौन्दर्यीकरण किया जाएगा।

लोक परम्परा एवं सांस्कृतिक धरोहर एवं धार्मिक एवं रमणीक स्थलों की कलाकृति के साथ आंदोलनकारी की स्मृति। शहर में सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत सड़कों एवं चौराहों के सुधारीकरण एवं सौन्दर्यीकरण की योजना बनाई गई है।

जनपद में यातायात प्रबन्धन तथा सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत चौराहों का निर्माण तथा सांस्कृतिक परिदृश्य एवं पारंपरिक लोक कलाकारी से सौन्दर्यीकृत करते हुए विकसित किया जाएगा। इसका उद्देश्य सड़क सुरक्षा के साथ ही राज्य की लोक एवं स्थापत्य कला से पयर्टकों को रूबरू करना है।

चौराहों पर राज्य की विभिूतियों तथा राज्य आंदोलन से जुड़ी स्मृति दिखेगी। सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत सुधारीकरण कार्यों के साथ ही लोक संस्कृति एवं पांरपरिक कला से जोड़कर विकसित किया जाएगा।

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