उत्तराखंड में निकाय चुनावों के बीच आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आय एवं सम्पत्ति प्रमाण पत्रों को लेकर आया ये बड़ा आदेश……

देहरादून: आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आय एवं सम्पत्ति प्रमाण पत्रों को निर्गत किये जाने हेतु स्थलीय निरीक्षण / सत्यापन किया जाना।

उपर्युक्त विषय पर मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि उत्तराखण्ड लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम, 2019 की धारा 3 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के पक्ष में आरक्षण प्रदान किये जाने हेतु आरक्षण की पात्रता का निर्धारण किया गया है तथा धारा 7 में प्रमाण-पत्र बनाये जाने की व्यवस्था निहित है। इस क्रम में शासनादेश संख्या-123/XXX (2)/2019-30 (1)/2019, दिनांक 29.04.2019 द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण हेतु आय एवं सम्पत्ति प्रमाण-पत्र के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश निर्गत किये गए हैं।

2 शासन के संज्ञान में यह तथ्य लाया गया है कि कतिपय मामलों में ऐसे व्यक्तियों को भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आय एवं सम्पत्ति प्रमाण पत्र निर्गत किये जा रहे हैं, जो कि उस वर्ग या श्रेणी में पात्र नहीं हैं।

3. उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम, 2019 की धारा-3 की उपधारा (2) (ख) में यह प्रावधान है कि “ऐसे आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के व्यक्ति जिनके परिवारों की सभी स्रोतों से कुल वार्षिक आय रू0 8.00 लाख से कम हो, आरक्षण के इस प्रयोजन के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों में चिन्हित हैं। परिवार की आय में सभी स्रोतों से अर्थात् वेतन, कृषि, व्यवसाय, पेशा आदि से प्राप्त आय सम्मिलित होगी। उक्त आय लाभार्थी द्वारा आवेदन के वर्ष से पूर्व वित्तीय वर्ष के लिए आय होगी:

परन्तु यह कि जिनके पास या जिनके परिवार के पास निम्नलिखित सम्पत्ति में से कोई भी सम्पत्ति है, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण के पात्र नहीं होंगेः-

(1) कृषि भूमि 5 एकड़ या उससे अधिक, या

(11) आवासीय भवन 1000 वर्ग फुट या उससे अधिक, या

अधिसूचित नगरपालिकाओं में 100 वर्ग गज या उससे अधिक के आवासीय भूखण्ड, या

(IV) अधिसूचित नगरपालिकाओं के अलावा अन्य क्षेत्रों में 200 वर्ग गज या उससे अधिक के भूखण्ड।”

4. उपरोक्त के दृष्टिगत शासन द्वारा सम्यक् विचारोपरान्त यह निर्णय लिया गया है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आय एवं सम्पत्ति प्रमाण-पत्र निर्गत किये जाने हेतु प्रस्तुत आवेदन पत्र एवं उत्तराखण्ड लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम, 2019 की धारा-3 की उपधारा (2) (ख) में वर्णित मापदण्डों का अनिवार्य रूप से स्थलीय निरीक्षण / सत्यापन सक्षम प्राधिकारी (जो कि तहसीलदार से निम्न स्तर का न हो) द्वारा किया जायेगा और इसके उपरान्त ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का आय एवं सम्पत्ति प्रमाण पत्र नियमानुसार निर्गत किया जायेगा। यदि यह पाया जाता है कि आय एवं सम्पत्ति-प्रमाण पत्र अवैध तरीके से एवं नियम विरूद्ध बनाया गया है. तो प्रमाण-पत्र की यथा आवश्यक जांच/सत्यापन करने के उपरान्त अवैध पाए गये प्रमाण-पत्र को तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए संबंधित व्यक्ति एवं संबंधित अधिकारी के विरूद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।

5. अतः उपरोक्तानुसार लिये गए निर्णय का तात्कालिक प्रभाव से कड़ाई से अनुपालन किया जाना सुनिश्चित करें।

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