उत्तराखंड में मनाने की कोशिशें हुई नाकाम…50 से अधिक बागियों पर चलेगी निष्कासन की तलवार….

देहरादून: अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ने वालों को मनाने की कोशिशें नाकाम होने की बाद अब भाजपा बागियों का निष्कासन करेगी।

निकाय चुनाव में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले बागियों पर बृहस्पतिवार से निष्कासन की तलवार चलेगी। प्रदेश नेतृत्व ने ऐसे सभी बागियों से नामांकन पर पुनर्विचार करने के लिए तीन दिन का समय दिया था, जो बुधवार को खत्म हो गया है। पार्टी वरिष्ठ नेताओं की तमाम कोशिशों के बावजूद अब भी 50 से अधिक बागी चुनाव समर में हैं।

पार्टी के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी के मुताबिक, आज उनके लिए पुनर्विचार का अंतिम दिन है। जो लोग इसके बाद भी पार्टी के पक्ष में नहीं खड़े होंगे, उन्हें अनुशासनहीनता माना जाएगा। अब तक हमारा प्रयास रहा है कि ऐसे सभी कार्यकर्ताओं के योगदान को सम्मान देते हुए उन्हें समझाया जाए। सभी जिलाध्यक्षों से रिपोर्ट मांगी गई है और जो भी नाम सामने आएंगे उन पर उचित कार्रवाई होगी।

नगर निगम में मेयर पद पर श्रीनगर में पार्टी नेता लखपत भंडारी की पत्नी आरती भंडारी ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ नामांकन किया है। उन्हें मनाने की कोशिशें पूरी तरह से नाकाम हो गई हैं। इसी तरह उत्तरकाशी, देहरादून, ऋषिकेश, हल्द्वानी, हरिद्वार समेत तमाम निकायों में अध्यक्ष और वार्ड सदस्यों के पदों पर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ता चुनाव लड़ रहे हैं।

छह साल के लिए fकिया जा सकता है निष्कासित
पार्टी ने ऐसे 50 से अधिक बागियों की सूची तैयार की है, जिन्हें संबंधित जिलाध्यक्षों को सौंपा जाएगा। माना जा रहा है कि जिलाध्यक्षों के स्तर पर ही बृहस्पतिवार को बागियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्हें पार्टी की प्राथमिकता सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित किया जा सकता है।

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