उत्तराखंड में आपदाओं से 16 पुलों को पूर्ण, 39 को आंशिक नुकसान पहुंचा, लोनिवि ने तैयार की रिपोर्ट…….

देहरादून: घनसाली में कोट-बिशन नामक जगह पर पैदल सेतु था जो बादल फटने से बह गया। थाती-कोट-घिण्याल सौंड मोटर मार्ग पर 18 मीटर लंबा पुल था, वह भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।

लोक निर्माण विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक बादल फटने से पुल और सड़कों को हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार की है। इसमें उल्लेख है कि बादल फटने के साथ नदी का बहाव बदलने और जलस्तर बढ़ने से 39 पुलों को आंशिक नुकसान पहुंचा। वहीं, 16 पुल ऐसे रहे जो पूर्णरूप से क्षतिग्रस्त हो गए। रिपोर्ट में कई पुलों के क्षतिग्रस्त होने की दशा में आवागमन बंद होने का भी उल्लेख किया गया है।

रिपोर्ट में बताया गया कि घनसाली में कोट-बिशन नामक जगह पर पैदल सेतु था जो बादल फटने से बह गया। थाती-कोट-घिण्याल सौंड मोटर मार्ग पर 18 मीटर लंबा पुल था, वह भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। यहां पर बैली ब्रिज के माध्यम से रास्ता खोलने की कोशिश की जा रही है। घनसाली में ही घनसाली-तिलवाड़ा मोटर मार्ग पर बनार आठ मीटर पुल क्षतिग्रस्त हुआ और घुतु गवाणा तल्ला मोटर मार्ग पर सुरेठी बैंड से मेन्डु सिंदवाल गांव मोटर मार्ग पर बना पुल भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।

थराली विकासखंड में बादल फटने और प्राणमती नदी का बहाव बदलने से बैली ब्रिज को नुकसान पहुंचा। अमोड़ी के पास क्वैराला नदी पर पैदल झूला पुल को नदी का बहाव बदलने से नुकसान हुआ। खैरना रानीखेत रामनगर मोटर मार्ग समेत राज्य में तीन और जगहों पर बैली ब्रिज लगाकर आवागमन सुचारु किया गया है।

आपदा से जो पुल क्षतिग्रस्त हुए थे, कुछ जगहों पर बैली ब्रिज जैसे वैकल्पिक प्रबंध कर आवागमन को सुचारु किया गया है। पुलों के निर्माण के लिए प्रस्ताव को शासन को भेजा गया है।
– दीपक यादव, विभागाध्यक्ष लोनिवि

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