उत्तराखंड में 62 साल से नहीं हो पाई बंदोबस्ती, अब पांच गांवों से शुरू करने की सरकार की योजना…….
देहरादून: गांवों में सर्वे आफ इंडिया की भी मदद लेने की योजना है। अभी पांच गांव कौन होंगे, उसको अंतिम रूप से तय नहीं किया गया है, लेकिन प्रारंभिक तौर पर टिहरी और पौड़ी के दो- दो और हरिद्वार के एक गांव को शामिल करने पर विचार हुआ है।
सरकार ने राज्य के पांच गांवों में बंदोबस्ती शुरू करने की योजना बनाई है। राज्य में 62 साल से बंदोबस्ती नहीं हुई है। इन पांच गांवों में बंदोबस्ती के अनुभव के आधार पर राज्य में बंदोबस्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह कार्य केंद्र सरकार के सहयेाग से किया जाएगा।
राज्य में 16 हजार से अधिक गांव हैं। यहां पर बंदोबस्ती 1962 में हुई थी, इसके बाद से नहीं हो सकी। इसके कारण कई बार समस्या आती है। इसमें भूमि तो है? लेकिन किस जगह पर है? यह बड़ा सवाल होता है। इन गांवों में सर्वे आफ इंडिया की भी मदद लेने की योजना है। अभी पांच गांव कौन होंगे, उसको अंतिम रूप से तय नहीं किया गया है, लेकिन प्रारंभिक तौर पर टिहरी और पौड़ी के दो- दो और हरिद्वार के एक गांव को शामिल करने पर विचार हुआ है।
शहरों के भी सर्वे करने की योजना
बंदोबस्ती के लिए सर्वे आफ इंडिया ड्रोन या एयरक्राफ्ट के माध्यम से संबंधित क्षेत्र का नक्शा लेगा। नक्शे पर रिकॉर्ड बनाने का काम राजस्व विभाग करेगा। इसमें सर्वे होगा, सर्वे में भूमि किसके नाम है, भूमि में निर्मित और खुला क्षेत्र आदि की जानकारी जुटानी होगी। फिर बंदोबस्ती के पूर्व नक्शे और सर्वे ऑफ इंडिया जो नए नक्शे को तैयार करेगा, इन तीनों के आधार पर रिपोर्ट तैयार होगी। यह कार्य नेशनल जियो स्पेशल नालेज बेस्ड लैंड सर्वे आफ अर्बन हैबिटेशन योजना के तहत होगा। अभी इन शहरों का चयन होना बाकी है।
पांच गांवों में बंदोबस्ती करने के साथ ही शहरों के सर्वे करने की योजना है। अभी स्थान तय होना बाकी है। इस दिशा में प्रक्रिया चल रही है। -चंद्रेश यादव, आयुक्त राजस्व विकास परिषद।