उत्तराखंड में अब इंतजार खत्म 23 सितंबर से ऋषिकेश में शुरू होगी रिवर राफ्टिंग, इस बार तीन हफ्ते देरी से शुरुआत…….

ऋषिकेश: ऋषिकेश में गंगा में रिवर राफ्टिंग का रोमांच 23 सितंबर से फिर शुरू हो रहा है। मानसून के बाद गंगा का जलस्तर राफ्टिंग के लिए अनुकूल पाया गया है। हालांकि अभी कुछ रूट पर ही राफ्टिंग संचालित होगी। बता दें कि गंगा के कौड़ियाला-मुनिकीरेती ईको टूरिज्म जोन में जुलाई-अगस्त के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से राफ्टिंग पर रोक रहती है।

गंगा में रिवर राफ्टिंग का शौक रखने वालों के लिए अच्छी खबर। मानसून सत्र के बाद गंगा के कौड़ियाला-मुनिकीरेती ईको टूरिज्म जोन में राफ्टिंग गतिविधि 23 सितंबर से शुरू होने जा रही है।

गंगा नदी राफ्टिंग प्रबंधन समिति के तकनीकी दल ने संयुक्त निरीक्षण के बाद गंगा का जलस्तर राफ्टिंग के अनुकूल पाया है। हालांकि, अभी मरीन ड्राइव से शिवपुरी और ब्रह्मपुरी से निम बीच व खारास्रोत तक ही राफ्टिंग संचालित होगी।

गंगा के कौड़ियाला-मुनिकीरेती ईको टूरिज्म जोन में जुलाई-अगस्त के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से राफ्टिंग पर रोक रहती है। सितंबर में गंगा के जलस्तर के राफ्टिंग के अनुकूल आने पर ही दोबारा संचालन शुरू किया जाता है।

वर्षा के करण अत्याधिक बढ़ा रहा गंगा का जलस्तर
गंगा नदी राफ्टिंग प्रबंधन समिति का संयुक्त तकनीकी दल गंगा के जलस्तर का भौतिक अध्ययन कर राफ्टिंग संचालन की अनुमति देता है। इस वर्ष सितंबर में हुई वर्षा के करण गंगा का जलस्तर अत्याधिक बढ़ा रहा। ऐसे में एक सितंबर से राफ्टिंग शुरू नहीं हो पाई। गंगा नदी राफ्टिंग प्रबंधन समिति के तकनीकी दल ने भी इस बीच कई चरण में गंगा के जलस्तर का अध्ययन किया।

शुक्रवार को समिति के तकनीकी दल ने मरीन ड्राइव से खरास्रोत तक एक बार फिर गंगा में राफ्ट व क्याक उतारकर जलस्तर का गहनता से अध्ययन किया। इसके बाद दल ने अपनी रिपोर्ट पर्यटन विकास बोर्ड को प्रेषित की है।

एक सप्ताह पश्चात दोबारा किया जाएगा आकलन
दल ने पुल इन प्वाइंट मरीन ड्राइव से पुल आउट प्वाइंट शिवपुरी तक और पुल इन प्वाइंट ब्रह्मपुरी से पुल आउट प्वाइंट निम बीच व खारास्रोत तक राफ्टिंग संचालन की अनुमति प्रदान की है। साथ ही शिवपुरी से निम बीच और खारास्रोत के बीच अभी राफ्टिंग गतिविधि शुरू न करने की सलाह दी गई है।

समिति के मुताबिक एक सप्ताह पश्चात दोबारा इसका आकलन किया जाएगा। तकनीकी समिति में सदस्य अभिषेक भारद्वाज, धर्मेंद्र नेगी, टिहरी के वरिष्ठ साहसिक खेल अधिकारी जसपाल चौहान, बिजेंद्र बिष्ट, रामपाल भंडारी, ऋषि राणा सहित आइटीबीपी व वन विभाग के सदस्य मौजूद रहे।

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