उत्तराखंड में पहाड़ों पर थम नहीं रहीं मुश्किलें- चट्टान दरकने से यातायात बाधित, पीठ पर ढो रहे सेब की पेटियां…….
देहरादून: इस बार सेब का उत्पादन कम रहने से मुसीबत में आए कृषकों को सड़क की समस्या से अलग जुझना पड़ रहा है। जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता मनमोहन चौहान ने जिला प्रशासन व क्षेत्रीय विधायक को कृषकों की यातायात समस्या से अवगत कराया। ग्रामीणों ने सेब सीजन के चलते भूस्खलन जोन वाले हिस्से में मार्ग खोलने के लिए जेसीबी लगाने की मांग की।
त्यूणी: सीमावर्ती बंगाण क्षेत्र के कई गांवों को यातायात सुविधा से जोड़ने वाले आराकोट-चिंवा मार्ग की हालत खराब होने से लोग परेशान हैं। इस मार्ग के किमी पांच में मलाना के पास चट्टान दरकने से सड़क गिर रहे मलबे-बोल्डर की वजह से यातायात संचालन बाधित है। जिससे लोगों को बगीचे से सेब की पेटियां पीठ पर ढ़ोनी पड़ रही है। प्रभावित लोगों ने सेब सीजन में पहाड़ी मार्ग की खराब हालत सुधारने को जिला प्रशासन से त्वरित कार्रवाई करने को कहा है।
2018 में आई थी भीषण आपदा
बंगाण क्षेत्र के कोठीगाड़ पट्टी में वर्ष 2018 में आई भीषण आपदा से लोग अब तक नहीं उभर पाए। आपदा के चलते सीमांत क्षेत्र में सार्वजनिक एवं निजी परिसंपत्तियों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा था। इस बार वर्षाकाल में बंगाण क्षेत्र के प्रमुख मार्ग आराकोट-चिंवा की हालत ज्यादा खराब हो गई। स्थानीय निवासी एवं सामाजिक कार्यकर्ता मनमोहन सिंह चौहान व अन्य ग्रामीणों ने कहा आराकोट-चिंवा मार्ग के किमी पांच में मलाना के पास चट्टान दरकने से यातायात संचालन बाधित है।
चट्टान गिरने से मार्ग संकरा हो गया है जिससे यहां लोडर वाहन नहीं चल पा रहे। पहाड़ में सेब सीजन चल रहा है। मार्ग बाधित होने से स्थानीय कृषकों को बगीचे से सेब की पेटियां पीठ पर लादकर मीलों दूर ढ़ोनी पड़ रही है। सड़क की बदहाली के चलते बंगाण क्षेत्र के कृषक एवं बागवानों अतिरिक्त डुलान भाड़ा चुकाना पड़ रहा है।
इस बार सेब का उत्पादन कम रहने से मुसीबत में आए कृषकों को सड़क की समस्या से अलग जुझना पड़ रहा है। जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता मनमोहन चौहान ने जिला प्रशासन व क्षेत्रीय विधायक को कृषकों की यातायात समस्या से अवगत कराया। ग्रामीणों ने सेब सीजन के चलते भूस्खलन जोन वाले हिस्से में मार्ग खोलने के लिए जेसीबी लगाने की मांग की।