उत्तराखंड में दरोगा पिटता रहा और टीम देखती रही, पीड़ित ने साझा की पीड़ा; कहा- महिलाकर्मियों को भी नहीं बख्शा……

हल्द्वानी: हल्द्वानी के बरहैनी रेंज केलाखेड़ा श्मशान घाट के पास शुक्रवार रात वन तस्करों ने वन विभाग के गश्ती दल के कर्मचारियों के साथ जमकर मारपीट की। वन दरोगा को पहले लाठी से मारा।

हल्द्वानी के बरहैनी रेंज केलाखेड़ा श्मशान घाट के पास शुक्रवार रात वन तस्करों ने वन विभाग के गश्ती दल के कर्मचारियों के साथ जमकर मारपीट की। वन दरोगा को पहले लाठी से मारा। इसके बाद उसे बंधक बनाकर अपने घर ले गए। उधर गश्ती दल के दो सदस्यों को उठाकर झाड़ी में फेंक दिया। पुलिसकर्मियों और बरहैनी रेंज के वनकर्मियों ने वन दरोगा को घर से छुड़ाया।

शुक्रवार रात वन तस्करों ने ही बरहैनी रेंज की टीम को लकड़ी तस्करी की सूचना दी। बरहैनी रेंजर ने इसकी जानकारी तराई केंद्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर के गश्ती दल को दी। गश्ती दल की टीम केलाखेड़ा श्मशान घाट के पास जैसे ही पहुंची तो वन तस्करों ने गश्ती दल को रोक दिया। उधर वन दरोगा हरीश नयाल को को लाठी-डंडों से जमकर पीटा। उधर उन्हें बचाने आए दो वनकर्मियों को उठाकर झाड़ी में फेंक दिया। वन दरोगा हरीश नयाल को अपनी गाड़ी में डालकर तस्करों ने उन्हें बंधक बना लिया। इसके बाद उन्हें घर ले गए। उधर बरहैनी रेंज की टीम ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस और बरहैनी रेंज की टीम ने हरीश नयाल को आरोपियों के घर से छुड़वाया।

दो महिला वन रक्षकों ने गाड़ी में छुपकर जान बचाई
गश्ती दल में दो महिला वन रक्षक भी मौजूद थीं। वन तस्कर जब वन दरोगा से मारपीट कर रहे थे, इसी दौरान उन्होंने महिला वनरक्षकों से भी अभद्रता की। उधर वन दरोगा हरेंद्र नयाल ने गाड़ी को लॉक कर दिया। इस कारण तस्कर गाड़ी के अंदर नहीं घुस सके। उधर दोनों महिला वनरक्षकों ने गाड़ी में छिपकर जान बचाई।

लकड़ी की सूचना देकर फंसाया
वन विभाग के सूत्रों के अनुसार तस्करों ने पहले से ही वन विभाग के कर्मचारियों को मारने का प्लान बनाया था। मामले में साजिश रचने वाले लालकुआं में पुलिस मुठभेड़ में घायल वन तस्कर के साथी थे। वन विभाग के एसओजी इंचार्ज कैलाश तिवारी ने बताया कि तस्करों ने उन्हें लकड़ी चोरी की सूचना दी। जब उनकी टीम थापा नगला में पहुंची तो 30-40 लोगों ने उन्हें घेर लिया।

मुझे सूचना मिली थी। इस पर मैं वनकर्मियों के साथ रात एक बजे मौके पर पहुंचा था। घायल वन दरोगा को अस्पताल भिजवाया गया। शनिवार सुबह पुलिस अधिकारियों से मिलकर आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
-यूसी तिवारी, डीएफओ तराई केंद्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर

गाड़ी भी ले गए तस्कर, पुलिस ने छुड़ाया
वन विभाग के एसओजी इंचार्ज कैलाश तिवारी ने बताया कि तस्करों ने उन्हें मारने का प्लान बनाया था। कहा कि पुलिस ने उनकी मदद नहीं की। जब शनिवार को मुकदमा लिखवाया तो पुलिस ने तस्करों के खिलाफ बहुत हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया।

कहा कि ये तस्कर लखविंदर को पकड़ने से गुस्साए थे। तिवारी ने बताया कि वह रात में मुझे बुलाकर जान से मारना चाहते थे। कहा कि वह गश्ती दल में नहीं जा सके। उनका गश्ती दल और बरहैंनी रेंज की टीम शुक्रवार शाम 9:30 बजे जैसे ही थापा नगला केलाखेड़ा पहुंची तो तस्करों ने घेर लिया। कहा कि इन्होंने 30-40 लोग एकत्र कर लिए। जब तक टीम कुछ समझ पाती, इन्होंने दो वनकर्मियों को उठाकर झाड़ी में फेंक दिया। उनके गश्ती दल को भी बलपूर्वक पकड़कर ले गए। पुलिस से जब मदद मांगी तो पुलिस देरी से पहुंची।

बरहैनी रेंज की टीम बनी रही मूकदर्शक
बरहैनी रेंज की टीम वन दरोगा को बचाने नहीं पहुंची। वन दरोगा हरीश नयाल ने बताया कि आरोपी लाठी-डंडो से उन्हें पीट रहे थे। टीम दूर खड़ी थी। कोई भी उन्हें बचाने नहीं आया। कहा कि महिला वनकर्मियों से गालीगलौज और हाथापाई की गई।

दिन में खैर पकड़कर लाई थी वन विभाग की टीम
वन विभाग की टीम शुक्रवार को इस क्षेत्र से खैर पकड़कर लाई थी। वनकर्मियों के अनुसार इस गांव के कुछ लोग लकड़ी तस्करी करते हैं। कहा कि पूर्व में भी कई लोग तस्करी में पकड़े जा चुके हैं।

वन दरोगा का सुशीला तिवारी में हुआ इलाज
वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी वन दरोगा हरीश नयाल को इलाज के लिए सुशीला तिवारी लेकर पहुंचे। यहां उनका इलाज किया गया। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जीएस तितियाल ने बताया कि कान, सिर और हाथ में गुम चोटें हैं। सोमवार को फिर उन्हें देखने के लिए बुलाया गया है।

वन कर्मचारी संगठन का लचर होने का तस्कर उठा रहे फायदा
वन कर्मचारियों का संगठन अब बहुत कमजोर हो गया है। पहले वनकर्मियों के साथ मारपीट मामले को वन विभाग का कर्मचारी संगठन बेहतरीन तरीके से उठाता था। पुलिस-प्रशासन और वन अधिकारियों पर दबाव बनाता था। इसके चलते तस्करों पर कड़ी कार्रवाई होती थी। अब वनकर्मियों के साथ लगातार मारपीट की घटना के बाद भी कर्मचारी संगठन खामोश हैं।

वन विभाग के एसओजी इंचार्ज कैलाश तिवारी का कहना है कि वन तस्करों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर वन दरोगा को बुरी तरह पीटा। अन्य कर्मियों के साथ मारपीट की। तस्करों ने वन दरोगा को बंधक बना लिया। सरकारी गाड़ी को भी तस्कर ले गए। पुलिस ने बहुत हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *