बड़ी खबर:- चतुर्थ चरण में राज्य सरकार उत्तराखंड में 7 जून तक बढ़ाया जाएगा कोरोना कर्फ्यू।
देहरादून : कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर की रोकथाम के लिए उत्तराखंड में लागू कोविड कर्फ्यू की अवधि को चतुर्थ चरण में सरकार एक हफ्ते आगे बढ़ा सकती है। इस दौरान आमजन की सुविधा के मद्देनजर कुछ रियायत दी जा सकती है। सरकार के कुछ मंत्री भी इसके पक्ष में हैं। तीसरे चरण के कर्फ्यू की अवधि एक जून को सुबह छह खत्म हो रही है। सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के अनुसार मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में कोविड की स्थिति की समीक्षा कर कर्फ्यू के संबंध में सोमवार तक निर्णय लिया जाएगा।
राज्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए 10 मई को दोपहर एक बजे से 18 मई तक प्रथम चरण का कोविड कर्फ्यू लागू किया गया था। द्वितीय चरण में इसकी अवधि 25 मई सुबह छह बजे तक बढ़ाई गई, जबकि तृतीय चरण में इसे एक जून सुबह छह बजे तक बढ़ाया गया। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों में काफी कमी आई है। रिकवरी रेट भी बढ़ा है।इस बीच सरकार के कुछ मंत्रियों के अलावा व्यापारी वर्ग की ओर से कर्फ्यू में ढील देने पर जोर दिया जा रहा है।
ऐसे में माना जा रहा है कि चतुर्थ चरण के कोविड कर्फ्यू के दौरान एक दिन छोड़कर दुकानें खोलने और इनके खुलने का समय बढ़ाने जैसी रियायत दी जा सकती है। अलबत्ता, सरकार को यह चिंता भी सता रही कि कर्फ्यू में छूट देने पर कहीं संक्रमण के मामले फिर न बढ़ जाएं। साफ है 31 मई को प्रदेश सरकार कोविड कर्फ्यू को आगे बढ़ाने का निर्णय लेगी। इसका राज्य को फायदा हुआ है। कोविड कर्फ्यू लागू होने के बाद प्रदेश में कोरोना संक्रमितों के मामलों में लगातार कमी आई है।सरकारी सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि एक जून से कोविड कर्फ्यू में आंशिक ढील दी जा सकती है। यह ढील कंटेनमेंट जोन से बाहर दी जाएगी।
यह रियायत परचून की दुकानों को खोलने के समय को बढ़ाने या सप्ताह में एक से अधिक दिन के लिए खोलने की अनुमति के तौर पर सामने आ सकती है। दुकानों को खोलने के संबंध में व्यापारी वर्ग का भी सरकार पर लगातार दबाव बन रहा है। विपक्षी दल कांग्रेस ने भी कर्फ्यू में आंशिक रियायत दिए जाने की हिमायत की है। जानकारों का मानना है कि कर्फ्यू कोरोना की चेन तोड़ने में सहायक रहा है। लेकिन अब भी कोरोना संक्रमण के हालात सामान्य नहीं हैं।